PM KISAN: किसानों के लिए आ गई खुशखबरी, इस दिन खाते में आएगी पीएम किसान की 20वीं किस्त, जल्दी से निपटा लें जरूरी काम
PM KISAN: देश के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है. केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी PM किसान सम्मान निधि योजना की 20वीं किस्त पीएम मोदी 2 अगस्त को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के सेवापुरी विधानसभा के बनौली गांव से जारी करेंगे. पात्र किसानों के खातों में सीधे 2000 रुपये की 20वीं किस्त हस्तांतरित की जाएगी. भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल के माध्यम से इसकी पुष्टि की है. भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से कहा – अब और इंतज़ार नहीं! प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त 2 अगस्त, 2025 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी से सीधे आपके खाते में पहुँच जाएगी. पोस्ट में आगे लिखा गया है कि किसान भाइयों और बहनों, जैसे ही आपके मोबाइल फोन पर मैसेज की टोन सुनाई दे, समझ जाइए कि आपके खाते में किसान सम्मान की राशि आ गई है.
आज ही निपटाएं ये 5 ज़रूरी काम
सबसे पहले https://pmkisan.gov.in/ पर लाभार्थी स्टेटस में अपना नाम देखें.
अगर ज़मीन के रिकॉर्ड वेरिफिकेशन या ज़मीन के रिकॉर्ड से जुड़ा कोई मामला लंबित है, तो उसे निपटा लें.
ई-केवाईसी पूरी करें. पीएम किसान योजना में पंजीकृत किसानों के लिए ई-केवाईसी करवाना अनिवार्य है. इसके बिना अगली किस्त का पैसा नहीं मिलेगा.
बैंक खाते को आधार से लिंक करें, किस्त उसी खाते में भेजी जाएगी. अपने बैंक खाते की जानकारी भी सत्यापित करें. बैंक खाता चालू होना चाहिए.
पीएम किसान रजिस्ट्रेशन और आधार कार्ड पर नाम और अन्य जानकारी एक जैसी होनी चाहिए. अगर कोई गड़बड़ी है, तो उसे अपडेट करें. मोबाइल नंबर अपडेट करें, उसी मोबाइल नंबर पर ओटीपी और नोटिफिकेशन आएगा.
शिकायत हो तो ऐसे दर्ज करें
किसान अब सीपीजीआरएएमएस पोर्टल, पीएम-किसान पोर्टल, भौतिक आवेदन या ईमेल के माध्यम से शिकायत दर्ज करा सकते हैं. सितंबर 2023 में लॉन्च किए गए एआई आधारित ‘किसान ई-मित्र’ चैटबॉट के माध्यम से अब तक 53 लाख किसानों के 95 लाख सवालों के जवाब 11 भाषाओं में दिए जा चुके हैं. इस तरह यह योजना न केवल किसानों को सीधी आर्थिक मदद प्रदान कर रही है, बल्कि डिजिटल निगरानी और त्वरित समाधान के माध्यम से किसानों का विश्वास भी मजबूत कर रही है.
आधार, भूमि रिकॉर्ड या ई-केवाईसी से जुड़ी त्रुटियों के कारण कई किसान लाभ प्राप्त नहीं कर पाते हैं, लेकिन जैसे ही ये प्रक्रियाएँ पूरी होती हैं, रुकी हुई किश्तों सहित पिछली सभी किश्तें भी हस्तांतरित कर दी जाती हैं.