Jharkhand: सहायक पुलिसकर्मियों का आन्दोलन, सेवा स्थायीकरण की मांग, मनरेगाकर्मियों ने निकाली वादा निभाओ रैली
Ranchi: राजधानी रांची में मंगलवार को भारी बारिश के बीच मनरेगा कर्मियों ने सेवा स्थायीकरण और वेतनमान की मांग को लेकर बापू वाटिका से मुख्यमंत्री आवास तक वादा निभाओ रैली निकाली और अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद की. वहीं दूसरी ओर विभिन्न जिलों से रांची पहुंचे सहायक पुलिसकर्मियों ने भी अपना अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू कर दिया है.
राज्य के नक्सल प्रभावित 12 जिलों में विधि-व्यवस्था बनाए रखने में मदद के लिए वर्ष 2017 में नियुक्त किए गए सहायक पुलिसकर्मी आज एक बार फिर राजधानी पहुंचे और मोरहाबादी मैदान में बैठ गए. सोमवार 01 जुलाई को अपने पदस्थापन वाले जिलों में सामूहिक अवकाश पर रहने के बाद सहायक पुलिसकर्मी रांची पहुंचे और अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू कर दिया है.
राज्य में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं ऐसे में ज्यादातर कर्मियों को उम्मीद है कि इन दिनों किया जा रहा आंदोलन और फलीभूत होगा. यही वजह है कि एक तरफ जहां मनरेगा कर्मी आज सेवा स्थायीकरण और वेतनमान की मांग को लेकर सड़क पर उतरे हैं, वहीं दूसरी तरफ सहायक पुलिसकर्मियों ने भी रांची में डेरा डाल कर लंबे आंदोलन का एलान कर दिया है. वहीं, रांची के मोरहाबादी मैदान में राज्य के 12 सर्वाधिक नक्सल प्रभावित जिलों के करीब ढाई हजार सहायक पुलिसकर्मियों का आंदोलन शुरू हो गया है. सात साल से कार्यरत सहायक पुलिसकर्मी अपनी संविदा पर स्थायी नौकरी की मांग कर रहे हैं. दो साल पहले भी मानसून के महीने में मोरहाबादी मैदान में सहायक पुलिसकर्मियों ने लंबा आंदोलन किया था. हालांकि सेवा विस्तार के बाद सहायक पुलिसकर्मियों ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था. इस संबंध में सहायक पुलिस जवान संघ के विवेका गुप्ता ने बताया कि वे लोग 2017 से मात्र 10 हजार रुपये मासिक मानदेय पर काम कर रहे हैं. अब 10 हजार रुपये में परिवार चलाना संभव नहीं है. राज्य में पुलिसकर्मियों की भारी कमी है. ऐसे में उन्हें पुलिस सेवा के रिक्त पदों पर समायोजित किया जाना चाहिए. इधर, मोरहाबादी स्थित बापू वाटिका से मुख्यमंत्री आवास के लिए रवाना हुए आंदोलनकारी मनरेगा कर्मियों के नेता जॉन पीटर बागे ने कहा कि राज्य सरकार ने उनसे वादा किया था कि उनकी सेवा स्थायी होगी और उन्हें वेतनमान मिलेगा. वर्तमान सरकार अब अपना कार्यकाल पूरा करने वाली है. इसके बावजूद न तो मनरेगा कर्मियों की सेवा स्थायी की गई है और न ही वेतनमान दिया गया है. इसे सरकार की वादाखिलाफी बताते हुए मनरेगा संघ के अध्यक्ष जॉन पीटर बागे ने कहा कि आज उन्होंने अपनी मांगों को लेकर सीएमओ को ज्ञापन सौंपा है. अगर सरकार जल्द ही उनकी मांगों पर सार्थक निर्णय नहीं लेती है तो आने वाले दिनों में राजभर के मनरेगा कर्मी हड़ताल पर जाने को बाध्य होंगे.