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झारखंड में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कांग्रेस का फंसा पेंच! जानिए मंत्री बनने के रेस में आगे कौन

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Ranchi : झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन ने शपथ ले ली है. इसके बाद उन्होंने पहली कैबिनेट में कई बड़े फैसले लेकर सरकार की मजबूती को साबित कर दिया है. लेकिन कैबिनेट का गठन बड़ी चुनौती है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुबोधकांत सहाय ने भी मंत्रिपरिषद का फॉर्मूला बताया है. उनके अनुसार झारखंड में मंत्रिपरिषद का फॉर्मूला वही पुराना हो सकता है जिसमें हेमंत सोरेन समेत जेएमएम कोटे से 6, कांग्रेस से 4 और आरजेडी से 1 मंत्री बन सकते हैं. हालांकि नाम को लेकर असमंजस की स्थिति है. सबसे बड़ी सहयोगी पार्टी कांग्रेस ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है. दिल्ली में बैठकों का दौर जारी है. मंत्री के नाम के चयन में क्षेत्र, धर्म और जाति को ध्यान में रखा जा रहा है. माना जा रहा है कि अल्पसंख्यक, सामान्य जाति और अनुसूचित जाति से एक-एक मंत्री बनाए जाएंगे. इसी तरह एससी या ओबीसी जाति से एक-एक विधायक को मंत्री बनाया जा सकता है. वहीं प्रमंडलवार देखें तो उत्तरी छोटानागपुर, दक्षिणी छोटानागपुर, संथाल परगना और पलामू प्रमंडल से एक-एक विधायक को मंत्री बनाया जा सकता है.

जाति के आधार पर कौन आगे

अल्पसंख्यक – जामताड़ा से इरफान अंसारी और पाकुड़ से निशात आलम के नाम पर विचार चल रहा है. अगर कांग्रेस कोटे से अल्पसंख्यक मंत्री बनता है तो इरफान अंसारी का नाम सबसे आगे है.

सामान्य (जनरल)- बेरमो से कुमार जयमंगल (अनूप सिंह) और बोकारो से श्वेता सिंह का नाम है. अनूप सिंह के पास अनुभव ज्यादा है. वे दूसरी बार विधायक बने हैं. वे लंबे समय तक युवा कांग्रेस के लिए भी काम कर चुके हैं. वे इंटक में भी अहम भूमिका निभा रहे हैं.


ओबीसी – पोड़ियाहाट से प्रदीप यादव, महगामा से दीपिका पांडेय सिंह और रामगढ़ से ममता देवी के नाम हैं. इनमें प्रदीप यादव का नाम ज्यादा है. लेकिन दीपिका पांडेय सिंह को कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से बेहतर संपर्क का फायदा मिल सकता है.


एसटी-जगन्नाथपुर से सोना राम किस्कू, खिजरी से राजेश कच्छप, मांडर से शिल्पी नेहा तिर्की, सिमडेगा से भूषण बाड़ा, कोलेबिरा से नमन विकास कोंगारी और लोहरदगा से रामेश्वर ओरांव के नाम शामिल हैं. रामेश्‍वर उरांव सब पर हावी नजर आ रहे हैं.


एससी– कांके से सुरेश कुमार और छतरपुर से राधा कृष्ण किशोर विधायक हैं. राधा कृष्ण किशोर का पलड़ा भारी है.

जानिए प्रमंडल के हिसाब से कौन आगे

संथाल परगना से कांग्रेस के चार विधायक हैं. प्रदीप यादव, दीपिका पांडेय सिंह, इरफान अंसारी और निशात आलम. माना जा रहा कि यहां दीपिका पांडेय सिंह या प्रदीप यादव को मंत्री बनाया जा सकता है. दोनों ओबीसी नेता भी हैं. जबकि अल्पसंख्यक कोटे से इरफान अंसारी को मंत्री बनाया जा सकता है.
उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल से तीन विधायक हैं. अनूप सिंह, श्वेता सिंह और ममता देवी. उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल से कुमार जयमंगल का नाम सबसे आगे चल रहा है. क्योंकि अनुभव समेत कई कारणों से वे बेहतर हैं. कोल्हान से सिर्फ एक विधायक सोनाराम किस्कू हैं.


दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल से छह विधायक हैं. रामेश्वर उरांव, शिल्पी नेहा तिर्की, राजेश कच्छप, सुरेश बैठा, भूषण बाड़ा और नमन विकास कोंगारी. रामेश्वर उरांव का नाम सबसे आगे चल रहा है, लेकिन सहयोगी दलों को उनके नाम पर आपत्ति है. वहीं पलामू प्रमंडल से दो विधायक हैं, राधा कृष्ण किशोर और रामचंद्र सिंह. अब देखना होगा कि कांग्रेस के आलाकमान किसके नाम पर मुहर लगाते हैं.

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