अब तहजीब से पेश आएगी पुलिस, तू-तड़ाक के भाषा का नहीं कर पायेंगे प्रयोग, कमिश्नर ने जारी किए फरमान
inlive247 Desk : भारत में पुलिस के व्यवहार को लेकर एक आम गलतफ़हमी है, खास तौर पर ग्रामीण इलाकों में. कई लोग पुलिस स्टेशन जाते समय भी डरे और घबराए हुए महसूस करते हैं. यह डर अक्सर कानून लागू करने वालों के व्यवहार और रवैये से पैदा होता है. हालांकि, आगरा में पुलिस के व्यवहार को सुधारने के लिए एक अभियान शुरू किया गया है, जिसके तहत पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड़ ने विनम्र संचार नीति शुरू की है.
आगरा पुलिस द्वारा तू-तड़ाक भाषा पर रोक लगाने का उद्देश्य पुलिस और जनता के बीच विश्वास बढ़ाना है. असभ्य भाषा से पुलिस की छवि खराब हो रही थी, जिससे लोगों में असंतोष बढ़ रहा था. इस आदेश से पुलिसकर्मियों से सम्मानजनक व्यवहार अपनाने की अपेक्षा की जा रही है, जिससे जनता का विश्वास बढ़ेगा और आपसी संबंध बेहतर होंगे.
क्या है पूरा मामला?
पुलिस कमिश्नर रविंदर गौड़ ने यह आदेश जारी कर पुलिसकर्मियों के सार्वजनिक व्यवहार को बेहतर बनाने के लिए गाइडलाइन बनाई है. इसमें कहा गया है कि पुलिसकर्मी अब आप शब्द का प्रयोग करेंगे और सम्मानजनक भाषा में संवाद करेंगे. पुलिस और जनता के बीच विश्वास बढ़ाने और पुलिस की छवि को बेहतर बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है.
पिछले कुछ समय से शिकायतें मिल रही थीं कि पुलिसकर्मी थानों और चौकियों में असभ्य भाषा का प्रयोग करते हैं, जिससे न सिर्फ पुलिस की छवि प्रभावित होती है, बल्कि जनता में असंतोष भी बढ़ता है. अब पुलिसकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा और एक मॉनिटरिंग सेल बनाई जाएगी, जो उनके व्यवहार पर नजर रखेगी. यह सेल थाने और चौकी में पहुंचने वाले पीड़ितों के साथ पुलिसकर्मियों के व्यवहार की जांच करेगी.
चाय-नाश्ता परोसना होगा
अब अफसरों को खड़े होकर शिकायतकर्ताओं का स्वागत करना होगा, उन्हें चाय-नाश्ता देना होगा और फिर उनकी शिकायतों को ध्यान से सुनना होगा. पहले बातचीत अक्सर अचानक और अनौपचारिक होती थी, लेकिन अब अफसरों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे बातचीत के दौरान ‘सर’ जैसे सम्मानजनक शब्दों का इस्तेमाल करें.
सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं
इन आदेशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए निगरानी के उद्देश्य से आगरा के सभी थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं. नए व्यवहार संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
दुर्व्यवहार के लिए परिणाम भुगतने होंगे
पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) सोनम कुमार ने कहा कि इस नीति का उद्देश्य न्याय मांगने वाले शिकायतकर्ताओं के लिए स्वागत योग्य माहौल बनाना है. जो भी अधिकारी शिकायतकर्ता के साथ दुर्व्यवहार करेगा, उसे परिणाम भुगतने होंगे. कमिश्नरेट प्रणाली के तहत पुलिस थानों को आधुनिक बनाने के प्रयास पहले ही किए जा चुके हैं.