INDIALATEST NEWS

कहीं आपका नाम भी फर्जी वोटर लिस्ट में तो नहीं? बिहार के बाद अब 12 राज्यों में चलेगी ‘सफाई’ मुहिम: SIR

Spread the love

पटना/नई दिल्ली: देशभर में मतदाता सूची को दुरुस्त करने के लिए चुनाव आयोग ने एक बड़ी मुहिम छेड़ी है. इसका पहला पड़ाव बिहार रहा, जहां लाखों मतदाताओं की जानकारी दोबारा जांची गई. अब यही प्रक्रिया देश के 12 और राज्यों में शुरू होने जा रही है. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी आधिकारिक जानकारी दी.


बिहार में 7 करोड़ वोटर्स ने दिया सहयोग

चुनाव आयोग ने बताया कि बिहार में मतदाता गहन पुनरीक्षण (SIR) का पहला चरण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है. इस दौरान करीब 7 करोड़ से ज्यादा वोटर्स ने सक्रिय रूप से हिस्सा लिया और अपनी जानकारी अपडेट कराई. अब आयोग इसी मॉडल को 12 और राज्यों में लागू करने जा रहा है ताकि मतदाता सूची में कोई गलती न रह जाए.


क्यों ज़रूरी है ये जांच?

मतदाता सूची की सफाई यानी SIR (Special Intensive Revision) कोई नया कदम नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करने की प्रक्रिया है कि देश के हर नागरिक का नाम सही जगह पर दर्ज हो.
1951 से अब तक 11 बार ऐसा पुनरीक्षण हो चुका है — लेकिन आखिरी बार यह काम 2003 में हुआ था. अब, 22 साल बाद आयोग फिर से इस पर काम शुरू कर रहा है ताकि डुप्लीकेट, मृत या फर्जी वोटर्स के नाम हटाए जा सकें.


कहाँ से होती है गड़बड़ी?

चुनाव आयोग के अधिकारियों के मुताबिक, मतदाता लिस्ट में गड़बड़ियां कई कारणों से होती हैं —

  • लोग एक शहर से दूसरे शहर चले जाते हैं, लेकिन नाम दोनों जगह बना रहता है.
  • कुछ लोग विदेश में बस जाते हैं या नागरिकता बदल लेते हैं, फिर भी सूची में नाम रहता है.
  • कई बार विदेशी नागरिक गलत जानकारी देकर भारत की मतदाता सूची में शामिल हो जाते हैं.

ऐसे ही मामलों को ठीक करने के लिए SIR बेहद ज़रूरी माना जा रहा है.


घर-घर जाकर होगी जांच

आयोग के मुताबिक, इस बार BLO (बूथ लेवल ऑफिसर) घर-घर जाकर सत्यापन करेंगे. एक विशेष फॉर्म के ज़रिए वे हर मतदाता की जानकारी चेक करेंगे —

  • अगर किसी का नाम 2003 की लिस्ट में है, तो बस लिंकिंग करनी होगी.
  • अगर नाम नहीं है, तो अतिरिक्त दस्तावेज़ और पारिवारिक विवरण देना होगा.

आयोग ने यह भी साफ किया है कि BLO हर घर में कम से कम तीन बार विजिट करेंगे ताकि कोई भी व्यक्ति छूट न जाए.


फर्जी वोटर्स पर कड़ी कार्रवाई

मुख्य चुनाव आयुक्त ने साफ कहा कि फर्जीवाड़ा करने वालों की खैर नहीं.
जिन लोगों का नाम 2003 की सूची में नहीं था, उन पर नजर रखी जाएगी. अगर कोई व्यक्ति संदिग्ध पाया गया, तो ERO (इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर) नोटिस जारी करेंगे और उनकी नागरिकता व पहचान की जांच की जाएगी.

सही जानकारी देने पर उनका नाम सूची में बरकरार रहेगा, अन्यथा उनका नाम हटा दिया जाएगा.

Whatsapp

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *