Excise Constable Recruitment: आखिर सिपाही भर्ती की दौड़ कैसे बन गई ‘मौत’ की दौड़? डॉक्टरों ने बताई ये वजह
Excise Constable Recruitment: झारखंड में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में फिजिकल टेस्ट के दौरान अबतक 12 अभ्यर्थियों की मौत से हड़कंप मचा हुआ है. इन अभ्यर्थियों की मौत अलग-अलग जिलों में दौड़ते समय हुई. ये मौतें कैसे हुईं, इसके पीछे क्या वजह हो सकती है. ये सारे सवाल हर किसी को परेशान कर रहे हैं. विशेषज्ञ डॉक्टर भी इस पर अपनी राय दे रहे हैं. गौरतलब है कि झारखंड में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा चल रही है. बताते चलें कि यह परीक्षा रांची, हजारीबाग, गिरिडीह, पूर्वी सिंहभूम, पलामू और साहेबगंज जिले के सात केंद्रों पर ली जा रही है.
कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के लिए सबसे पहले फिजिकल टेस्ट (Physical Test) लिया जा रहा था. फिजिकल टेस्ट में पास होने वाले अभ्यर्थी लिखित परीक्षा में शामिल हो सकेंगे. पुलिस का कहना है कि इस दौरान रांची में 1, हजारीबाग और गिरिडीह में 4, पलामू में 4, मुसाबनी और साहेबगंज में 2-2 मौतें हुई हैं. पुलिस प्रवक्ता एवी होमकर ने बताया कि केस दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच की जा रही है. एवी होमकर ने अभ्यर्थियों की मौत को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. वहीं, डॉक्टरों का कहना है कि जिन्होंने अभ्यास नहीं किया, उन्हें कुछ परेशानी हो सकती है.
डॉक्टरों ने बताई मौत की वजह
वहीं मामले को लेकर डॉक्टरों का कहना है कि अचानक दौड़ने से प्रेशर के साथ ऑक्सीजन लेवल भी कम हो सकता है. साथ ही स्टेरॉयड या एनर्जी ड्रिंक जैसे पदार्थ काफी नुकसानदायक हो सकते हैं. उन्होंने अपील की है कि यह जीवन की आखिरी परीक्षा नहीं है, इसलिए अभ्यर्थी धैर्य रखें. वहीं पलामू जिले में भर्ती की देखरेख कर रहे कमांडेंट रैंक के आईपीएस अधिकारी मुकेश कुमार (IPS officer Mukesh Kumar) ने भी कहा कि अभ्यर्थियों को धैर्य रखने की जरूरत है. उन्हें शॉर्टकट नहीं अपनाना चाहिए. एनर्जी ड्रिंक या दवा लेना भी मौत की वजह हो सकती है, जिसकी जांच की जा रही है. वहीं डॉक्टरों का कहना है कि कुछ अभ्यर्थियों का व्यवहार भी अजीब था.
हालांकि, भर्ती में सफल हुए पुरुष और महिला अभ्यर्थियों के चेहरे पर चमक है. उनका कहना है कि परिवार के लोग चाहते थे कि सरकारी नौकरी करके वे परिवार का भरण-पोषण करने के साथ ही समाज की सेवा भी कर रहे हैं. किसी के पिता किसान हैं, तो किसी के घर में कोई ऐसा नहीं है जो सरकारी नौकरी कर रहा हो. पुरुष और महिला अभ्यर्थियों का कहना है कि उन्होंने दौड़ के लिए काफी समय से अभ्यास किया है, ताकि उनकी टाइमिंग और स्टेमिना बनी रहे. कुछ ने 28 मिनट में, कुछ ने 32 मिनट में और कुछ ने 52 मिनट में यहां क्वालीफाई किया है. महिलाओं को 40 मिनट में 5 किमी और पुरुषों को एक घंटे में 10 किमी दौड़कर क्वालिफाई करना था.
किस अभ्यर्थी की हुई मौत?
झारखंड के हजारीबाग जिले के पद्मा पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में उत्पाद विभाग के सिपाही दौड़ में रामगढ़ जिले के मांडू थाना क्षेत्र के बलसागरा गांव का युवक महेश कुमार भी शामिल हुआ था. इस दौड़ के छठे राउंड के बाद महेश कुमार बेहोश हो गया और उसे तुरंत हजारीबाग सदर अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. वहीं इस हादसे के बाद महेश कुमार महतो के पिता मित्र लाल महतो ने आरोप लगाया है कि प्रशासन और डॉक्टर की लापरवाही के कारण मेरे बेटे की मौत हुई है.
पिता ने बड़े बेटे के लिए सरकारी नौकरी की मांग की
हजारीबाग : महेश कुमार महतो के पिता मित्र लाल महतो ने कहा कि महेश कुमार महतो मेरा छोटा बेटा था, मेरे दो बेटे हैं. आज मेरे बेटे (महेश कुमार महतो ) का अंतिम संस्कार हो रहा है. उन्होंने कहा कि मेरे बेटे की पोस्टमार्टम रिपोर्ट अभी तक नहीं मिली है. मित्र लाल महतो ने झारखंड सरकार से गुहार लगाई है कि हम गरीब परिवार से हैं, सरकार ने मेरे बेटे की मौत पर मुआवजा दिया है तो मेरे बड़े बेटे को सरकारी नौकरी दी जाए. मित्र लाल महतो ने कहा कि इस घटना ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया है.
गिरिडीह: गिरिडीह जिले के देवरी प्रखंड के मानिकबाद टोला बाको गांव निवासी प्रभु वर्मा के पुत्र सूरज कुमार एक्साइज कांस्टेबल की दौड़ के लिए हजारीबाग के पदमा गए थे. सूरज कुमार ने दौड़ पूरी भी की. लेकिन दौड़ पूरा करने के बाद सूरज कुमार बेहोश हो गया, सूरज के बेहोश होने के बाद उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान डॉक्टरों ने सूरज को मृत घोषित कर दिया. सूरज कुमार अपने परिवार की इकलौता उम्मीद था, उसके पिता प्रभु वर्मा एक छोटे किसान हैं और मजदूरी करके उन्होंने गरीबी के हालातों में सूरज को शिक्षा दिलाई. उन्होंने कहा कि सुरज काफी होनहार छात्र था, देवघर में रहकर पढ़ाई करता था और उसने जेपीएससी पीटी परीक्षा भी पास कर ली थी. इधर, सूरज के परिजन सरकार से परिवार के एक सदस्य को नौकरी और मुआवजे की मांग कर रहे हैं.
जानें कैबिनेट मंत्री रामदास सोरेन ने क्या कहा
कैबिनेट मंत्री रामदास सोरेन ने इस मुद्दे पर अलग बयान दिया है. उन्होंने कहा कि क्या किया जाना चाहिए, क्या बहाली की प्रक्रिया नहीं अपनाई जानी चाहिए. 15 साल तक सत्ता में रहने के बावजूद इन लोगों की बहाली क्यों नहीं हुई. मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि पहले तो कहते हैं कि सरकार नियुक्ति नहीं देती. जब बरसात में दौड़ आयोजित की जा रही है, तो उसमें भी दिक्कत आ रही है.
वहीं पलामू में हुई इन घटना के बाद दौड़ के कमांडेंट मुकेश कुमार ने कहा कि सुबह 4 बजे से दौड़ का आयोजन किया जा रहा है. इससे पहले पुलिस मुख्यालय ने एक वीडियो जारी कर अभ्यर्थियों को दी जा रही सुविधाओं को सूचीबद्ध किया था, जहां भर्ती प्रक्रिया चल रही है.