वोटिंग से एक दिन पहले “विश्वास का घोषणापत्र” जारी कर मुश्किल में फंसी कांग्रेस, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा मामले की होगी जांच
Ranchi: झारखंड प्रदेश कांग्रेस ने पहले चरण के मतदान से एक दिन पहले मंगलवार को ‘विश्वास का घोषणापत्र’ जारी किया. इसके साथ ही ‘विश्वास बरकरार-फिर गठबंधन सरकार’ का नारा भी दिया. कांग्रेस ने जाति जनगणना कराने और क्रीमी लेयर को 10 लाख करने का ऐलान किया, लेकिन घोषणापत्र जारी कर कांग्रेस मुश्किलों में घिरती नजर आ रही है. दरअसल, मुख्य निर्वाचन अधिकारी के रवि कुमार ने कहा कि चुनाव से ठीक एक दिन पहले घोषणापत्र जारी करना वैधानिक नहीं है. उन्होंने कार्रवाई करने की भी बात कही है.
मुसीबतों में घिरी कांग्रेस
कांग्रेस द्वारा जारी घोषणापत्र ने पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. मुख्य निर्वाचन अधिकारी के रवि कुमार ने कहा कि पहले चरण के मतदान से एक दिन पहले ऐसा करना वैधानिक नहीं है. मामले की जांच चल रही है और जरूरी कार्रवाई की जाएगी.
कांग्रेस विश्वास का घोषणापत्र के अहम बिंदु
कांग्रेस घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा कि झारखंड में दोबारा सरकार बनने पर गरीब परिवारों को मुफ्त बिजली की सीमा 200 यूनिट से बढ़ाकर 250 यूनिट की जाएगी, जबकि कृषि कार्य के लिए मुफ्त बिजली दी जाएगी. धान क्रय मूल्य 2400 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 3200 रुपये किया जाएगा. संयुक्त बिहार में जो अनुसूचित जाति समुदाय में सूचीबद्ध थे तथा राज्य गठन के बाद सामान्य में सूचीबद्ध हो गए, उन्हें पुनः अनुसूचित जाति का दर्जा दिया जाएगा. हो, मुंडारी, खड़िया, कुरुख और कुरमाली भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाएगा.
एक वर्ष में रिक्तियां भरी जाएंगी
बंधु तिर्की ने कहा कि एक वर्ष में सभी सरकारी नौकरियों की रिक्तियां भरी जाएंगी. भर्ती परीक्षाओं के लिए समय सीमा निर्धारित कर प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाएगा. प्रत्येक प्रखंड में अंग्रेजी माध्यम के उत्कृष्ट विद्यालयों की संख्या बढ़ाई जाएगी. खेल संगठनों के माध्यम से विद्यालयों में प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी. सरना आदिवासियों की धार्मिक पहचान सुनिश्चित करते हुए सुदूर क्षेत्रों में जहां निजी विद्यालय संचालित हो रहे हैं, वहां नियमावली बनाकर स्थापना अनुमति और अनुदान दिया जाएगा.