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JSSC CGL परीक्षा पर आयोग का बड़ा बयान, कहा-‘आरोप लगाने से कुछ नहीं होगा, साक्ष्य हो तो बात करें

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Ranchi : झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने JSSC CGL परीक्षा को लेकर बड़ा बयान दिया है. आयोग की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर JSSC के चेयरमैन प्रशांत कुमार ने कहा कि परीक्षा को लेकर छात्रों में गलतफहमी है. इसे दूर करना आयोग की जिम्मेदारी है. JSSC CGL परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने के आरोप पर प्रशांत कुमार ने कहा कि आयोग का मानना है कि प्रश्नपत्र की सील खुली रह सकती है, लेकिन सील खुली होने का मतलब यह नहीं है कि पेपर लीक हो गया है.

मीडिया को संबोधित करते हुए JSSC अध्यक्ष प्रशांत कुमार ने बताया कि इस परीक्षा के लिए कुल 6 लाख 39 हजार 900 वैध आवेदन प्राप्त हुए थे. इस दौरान राज्य भर में 823 परीक्षा केंद्रों पर कुल 10917 परीक्षाएं आयोजित की गईं. आयोग ने पिछली परीक्षा में आई समस्याओं पर विचार-विमर्श किया और एसओपी जारी की. उसी एसओपी का पालन करते हुए परीक्षा आयोजित की गई.

12 प्रश्नपत्रों का बंडल बनाकर लिफाफे में सील किया गया. सभी लिफाफों को मेटल लॉक में सील किया गया. इस दौरान स्ट्रांग रूम में सीसीटीवी कैमरे और मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की गई. ट्रकों को निकालकर स्ट्रांग रूम में रखा गया और ट्रिपल निगरानी में खोला गया. अधिकारियों की मौजूदगी में खोला गया स्ट्रांग रूम परीक्षा वाले दिन स्ट्रांग रूम को ऐसे समय खोला गया, जब सभी अधिकारी मौजूद थे. चाबियां भी सील कर दी गई थीं. मेटल ट्रकों को परीक्षा से आधे घंटे पहले ही खोला जा सका और हर जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे. परीक्षा केंद्र में सिर्फ केंद्राधीक्षक और वरिष्ठ अधिकारी ही मौजूद थे. इस दौरान कुल 15236 कैमरे लगाए गए थे. 5 अभ्यर्थियों की मौजूदगी में पेपर खोला गया. परीक्षा के दौरान 20 लाख प्रश्नपत्र छापे गए थे.

प्रश्नपत्र की डिजिटल कोडिंग की गई

कहा कि अभ्यर्थियों द्वारा कुछ बातें सामने लाई गई हैं, जिसमें कहा गया है कि ओएमआर में लिखा सीरियल नंबर और बुकलेट नंबर में लिखा सीरियल नंबर अलग-अलग था. लेकिन इन दोनों को मिलाने की जरूरत नहीं है, हमारे पास यह भी व्यवस्था है कि अगर सब्जेक्ट कोड या किसी और चीज में कोई गलती है तो इस बार जब प्रिंटिंग की गई है तो उसमें डिजिटल कोडिंग की गई है.

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