न्यायमूर्ति संजीव खन्ना होंगे अगले CJI, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने केंद्र सरकार को भेजा नाम
New Delhi : सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचूड़ ने अपने उत्तराधिकारी के पद के लिए जस्टिस संजीव खन्ना के नाम की सिफारिश की है. जस्टिस चंद्रचूड़ का कार्यकाल 10 नवंबर को खत्म हो रहा है. ऐसे में जस्टिस संजीव खन्ना उनके बाद देश के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे.
जस्टिस खन्ना का कार्यकाल 13 मई 2025 तक रहेगा. आपको बता दें कि 12 अक्टूबर को केंद्र सरकार ने जस्टिस चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर उनके उत्तराधिकारी के नाम की घोषणा करने को कहा था. जस्टिस चंद्रचूड़ ने 9 नवंबर 2022 को मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभाला था. उनका कार्यकाल खत्म होने से एक महीने पहले कानून मंत्रालय मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर उनके उत्तराधिकारी की घोषणा करने को कहता है. जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश अपने उत्तराधिकारी के नाम की जानकारी कानून मंत्रालय को पत्र के जरिए देते हैं.
गौरतलब है कि जस्टिस खन्ना ने 1983 में दिल्ली बार काउंसिल से जुड़ने के बाद अपना सफर शुरू किया था और तब से उन्होंने संवैधानिक, वाणिज्यिक और आपराधिक कानून समेत कानून के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाई है. जस्टिस संजीव खन्ना का करियर चुनौतियों से खाली नहीं रहा है. 32 अन्य जजों को दरकिनार कर सुप्रीम कोर्ट में उनकी पदोन्नति को लेकर उठे विवाद ने आलोचना की और कॉलेजियम सिस्टम की पारदर्शिता और निर्णय लेने की प्रक्रिया पर बहस छेड़ दी.
इसके अलावा, अगस्त 2024 में व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए समलैंगिक विवाह मामले की समीक्षा करने से उनके अलग होने के कारण एक नई बेंच का गठन करना आवश्यक हो गया, जिससे व्यक्तिगत मान्यताओं और न्यायिक जिम्मेदारियों के बीच जटिल अंतर्संबंधों पर प्रकाश डाला गया.
जस्टिस खन्ना के कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण फैसले आए हैं, जिसमें एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स बनाम इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया मामले में 100% वीवीपीएटी सत्यापन की याचिका को खारिज करना और अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले से सहमत होना शामिल है.
जस्टिस संजीव खन्ना के बारे में जानें
जस्टिस संजीव खन्ना, जो सुप्रीम कोर्ट के 51वें मुख्य न्यायाधीश बनने वाले हैं, ने एक शानदार करियर का नेतृत्व किया है, जिसमें लगभग 275 बेंचों और 65 फैसलों में उनकी भागीदारी शामिल है.
इस प्रतिष्ठित पद तक उनकी यात्रा उल्लेखनीय रही है. 14 मई, 1960 को जन्मे खन्ना का कानूनी करियर दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर से स्नातक होने के बाद शुरू हुआ. इसके बाद 1983 में उन्हें दिल्ली बार काउंसिल में एक वकील के रूप में नामांकित किया गया. अपने पेशेवर करियर में, उन्होंने 2019 में सुप्रीम कोर्ट में जाने से पहले 14 साल तक दिल्ली उच्च न्यायालय में सेवा की.