श्रावणी मेला 2024 : 11201 पुलिस अधिकारी व जवानों की होगी अतिरिक्त तैनाती, चप्पे-चप्पे पर पुलिस की रहेगी पैनी नजर
Ranchi: श्रावणी मेला शुरू होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं. कांवरियों को हर सुविधा मुहैया कराने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं. मेले में कांवरियों की सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. इस दौरान चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात रहेगी और हर गतिविधि पर नजर रखेगी. झारखंड के देवघर और दुमका में मेले में सुरक्षा के लिए 11201 पुलिस अधिकारी और जवान तैनात किए जाएंगे. अकेले देवघर में 8649 पुलिस अधिकारी और जवानों की प्रतिनियुक्ति की गई है. इसमें 96 इंस्पेक्टर, 750 एसआई और एएसआई, 1080 सशस्त्र बल, 6200 लाठीबल, 514 महिला लाठीबल, धावा दल, बीडीएस, डॉग स्क्वायड, आंसू गैस दस्ता, एटीएस हिट टीम शामिल हैं. जबकि दुमका में 2552 पुलिस अधिकारी और जवानों की प्रतिनियुक्ति की गई है. इसमें 18 इंस्पेक्टर, 366 एसआई व एएसआई, 150 सशस्त्र बल, 1586 लाठी-बल, 225 महिला लाठी-बल, हमला दल, बीडीएस, डॉग स्क्वायड, आंसू गैस दस्ता, एटीएस हिट टीम शामिल हैं.
रेलवे स्टेशन पर संदिग्धों पर फेस रीडिंग सिस्टम से रहेगी नजर
झारखंड के देवघर दुमका में आगामी एक माह तक चलने वाले श्रावणी मेले के मद्देनजर आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए पूर्वी रेलवे के आसनसोल मंडल के अंतर्गत आने वाले सभी प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर फेस रीडिंग सिस्टम तकनीक लागू की जाएगी. हर साल देश भर से लाखों श्रद्धालु दुमका के बासुकीनाथ मंदिर और देवघर के बाबा मंदिर में जल चढ़ाने और पूजा करने आते हैं.
श्रावणी मेले के लिए मंडल रेलवे अतिरिक्त बैठने की क्षमता, पेयजल व अन्य सुरक्षा एहतियाती उपायों की व्यवस्था करता है. आसनसोल रेल मंडल ने मंडल के अंतर्गत आने वाले 53 रेलवे स्टेशनों पर क्लोज सर्किट टेलीविजन (सीसीटीवी) सेट से लैस फेस रीडिंग तकनीक लगाने की योजना बनाई है. यह फेसियल रिकग्निशन सिस्टम त्योहार के मौसम में रेलवे सुरक्षा बल और जीआरपी दोनों को सतर्क रहने और अपराधियों की संदिग्ध गतिविधियों को पकड़ने में मदद करेगा.
प्रथम चरण में आसनसोल, जसीडीह, बासुकीनाथ, देवघर, चित्तरंजन, मधुपुर, अंडाल, रानीगंज, दुर्गापुर आदि रेलवे स्टेशनों पर फेस रिकॉग्निशन सिस्टम लगाया जाएगा. रेलवे ने तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए व्यापक प्रबंध किए हैं, जैसे ‘मे आई हेल्प यू बूथ’, पर्याप्त पेयजल सुविधा, अतिरिक्त बुकिंग काउंटर, स्टेशनों पर साफ-सफाई और श्रावणी मेले के दौरान आने वाले क्षेत्रों में अतिरिक्त आश्रय स्थल.