BUSINESSINDIA

Share Market Crash: शेयर बाजार में भारी गिरावट, सेंसेक्स 900 अंक से ज्यादा टुटा, निवेशकों के 8 लाख करोड़ स्वाहा

Spread the love

Share Market Crash: सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली, बीएसई सेंसेक्स 941.88 अंक गिरकर 78,782.24 पर बंद हुआ. इस गिरावट की वजह विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली (Sell) और वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण बढ़ती अस्थिरता रही. इस भारी गिरावट की वजह से घरेलू बाजार में करीब 8 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जिससे निवेशकों को बड़ा झटका लगा. निफ्टी 50 भी 309 अंक गिरकर 23,995.35 पर आ गया, जिस कारण अधिकतर सेक्टर में नकारात्मक असर दिखा.

अमेरिकी चुनाव और ब्याज दरों को लेकर बाजार में अनिश्चितता

आगामी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव और फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों के फैसलों को लेकर अनिश्चितता ने वैश्विक बाजारों में चिंता बढ़ा दी है. 5 नवंबर को होने वाले अमेरिकी चुनाव के संभावित आर्थिक प्रभाव, जिसमें उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच कड़ी टक्कर है, जो भारतीय निवेशकों को चिंतित कर रहा है. कमला हैरिस की जीत से अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से नरम रुख अपनाने की संभावना है, जिससे भारतीय रिजर्व बैंक दरों में कटौती कर सकता है और एनबीएफसी क्षेत्र को लाभ पहुंचा सकता है. इसके विपरीत, ट्रंप की जीत से अमेरिकी दरें ऊंची रहने की संभावना है, जिससे भारतीय बैंकिंग क्षेत्र को लाभ हो सकता है.

फेडरल रिजर्व की बैठक से बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ा

7 नवंबर को फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले निवेशक सतर्क हो गए हैं. विश्लेषकों का मानना ​​है कि फेडरल द्वारा ब्याज दरों में संभावित कटौती से भारत में विदेशी निवेश में वृद्धि हो सकती है. जब तक फेड की नीति पर स्पष्टता नहीं होती, तब तक निवेशक बाजार में सतर्क रहेंगे, जिससे निकट भविष्य में बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ सकता है.

भारतीय कंपनियों के Q2 नतीजों के कारण गिरावट

भारतीय कंपनियों के दूसरी तिमाही (Q2) के नतीजे उम्मीद से कमजोर रहे, जिससे निवेशकों की धारणा पर नकारात्मक असर पड़ा है. कई विश्लेषकों ने निफ्टी ईपीएस वृद्धि में गिरावट का अनुमान लगाया है, जिससे एफआईआई बिकवाली कर सकते हैं और भारतीय बाजार की तेजी पर अंकुश लगा सकते हैं.

तेल की बढ़ती कीमतों का असर

ओपेक+ द्वारा उत्पादन बढ़ाने में देरी की घोषणा के बाद सोमवार को कच्चे तेल की कीमतों में भी उछाल आया. ब्रेंट क्रूड की कीमतें 1.61% बढ़कर 74.28 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गईं, जबकि वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड की कीमतें भी 1.73% बढ़कर 70.69 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गईं. इससे भारत के व्यापार संतुलन पर दबाव पड़ सकता है और आर्थिक विकास पर असर पड़ सकता है.

कुल मिलाकर वैश्विक अनिश्चितताओं और घरेलू कारकों के कारण भारतीय शेयर बाजार दबाव में बना हुआ है. विशेषज्ञों के अनुसार, अगले कुछ दिनों में बाजार में और उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है, जब तक कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक और राजनीतिक स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती.

WhatsApp

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *