RANCHI

प्रेम रंजन अनिमेष की ‘एक मधुर सपना’ का हुआ विमोचन, पुस्तक परिचर्चा का भी आयोजन

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Ranchi: रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान टीआरआई, राँची के सभागार में पुस्तकनामा प्रकाशन की ओर से प्रेम रंजन अनिमेष के दूसरे कहानी संग्रह ‘एक मधुर सपना’ का लोकार्पण और उस पर परिचर्चा का आयेाजन हुआ, जिसकी अध्यक्षता प्रसिद्ध आलोचक डॉ. रविभूषण ने की तथा संचालन डॉ. उर्वशी ने किया.

डॉ. उर्वशी ने कहा कि प्रेम रंजन अनिमेष के कथा-संसार में भीतर तक झकझोरने वाला आर्तनाद है. हमारे करीब की किसी मामूली-सी लगने वाली चीज को अनिमेष अपनी कहानियों में ऐसे रखते हैं, जैसे हम उसे पहली बार देख रहे हों. रश्मि शर्मा ने कहा कि प्रेम रंजन अनिमेष की कहानियों में गजब की किस्सागोई और पठनीयता है. उनके पात्र आसपास के जीवन से जुड़े हुए हैं.

कहानीकार कथालोचक राकेश बिहारी का मानना है कि अनिमेष के कहानी संग्रह के शीर्षक में ही नहीं, कमोबेश हर कहानी में सपना है. पाश की मशहूर कविता ‘सबसे खतरनाक होता है हमारे सपनों का मर जाना’ इन कहानियों को समझने का सूत्र उपलब्ध कराती है. इन कहानियों में सपनों को संप्रेषित और संपोषित करने की छटपटाहट है , सपने जो यथास्थिति के असंतोष से उत्पन्न होते हैं, किंतु दबते नहीं हैं. सर्वजन के सच, स्वप्न व दुःस्वप्न का त्रिकोण है यहाँ एक ऐसे समय और समाज में जहाँ ‘कब कोई सपना सच में बदल जाये और सच दुःस्वप्न में यह कहा नहीं जा सकता’ ( कहानी ‘एक मधुर सपना’ से ). ‘वह आदमी कभी भी मारा जा सकता है’ कहानी के विषय में बोलते हुए उन्होंने कहा कि कथ्य और शिल्प के एक हो जाने का एक ख़ूबसूरत उदाहरण है.

दूरदर्शन के पूर्व निदेशक प्रमोद कुमार झा ने कहा कि कहानीकार इस संग्रह की कहानियों में पूरे परिवेश को साथ लेकर चलते हैं और कथ्य, कहन, किरदार, संवाद, दृश्यात्मकता हो या संपूर्ण कहानी कला, उनकी कहानियाँ हर लिहाज से उत्कृष्ट हैं. अद्वितीय विडंबना बोध एवं सूक्ष्म किंतु गहरी व्यंजना, सिनेमेटोग्राफिक गुणों सरीखी अनेक विशेषताओं को रेखांकित करते हुए उन्होंने बताया कि ये कहानियों को मानवीय मूल्यों और गहन संवेदना से संपन्न हैं. 

कहानीकार पंकज मित्र ने कहा कि प्रेम रंजन अनिमेष गहरे राजनैतिक निहितार्थों के कहानीकार हैं. सामान्य घटना से बड़े उद्देश्य की ओर बढ़ना उनकी कहानियों की खासियत है. ये कहानियाँ औत्सुक्य और प्रवाह से भरी हुई हैं. हर अच्छी कहानी का सपना होता है कविता हो जाना, जबकि हर अच्छी कविता में कहीं न कहीं कोई कथा होती है. अनिमेष इन दोनों को बख़ूबी साधना जानते हैं.

कथाकार राकेश कुमार सिंह ने कहा कि कहानी विडंबना से बनती है और अनिमेष यथास्थिति की तहों में छिपी विडंबना को पकड़ते हैं. उन्होंने कहा कि हर सूरत में इस उत्कृष्ट कथा पुस्तक को पढ़ना चाहिए, क्योंकि यह नौ बेहतरीन कहानियों का अद्वितीय संग्रह है. 

कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो. रविभूषण ने अनिमेष को को समय विमर्श और समाज विमर्श की ऐसी समग्र कृति बताया जिसमें हर शब्द सारगर्भित है और अंतराल भी बोलते हैं. डॉ. रविभूषण ने कहा कि इन कहानियों में उत्कृष्टता के साथ साथ गहरी सार्थकता भी है जो अत्यंत महत्वपूर्ण है. यह अर्थमयता समकालीन यथार्थ और समाज की मुक्कमल समझ से ही आती है, जिसे अनिमेष संभव करते हैं. बड़े और खरे रचनाकार की तरह उनके यहाँ वर्तमान की धड़कनें है. उन्होंने कथाकार कथालोचक राकेश बिहारी की इस बात को आगे बढ़ाया कि कैसे अनिमेष बीस वर्ष पहले ‘एक मधुर सपना’ जैसी यादगार कहानी रचते हुए आज के यथार्थ और 2047 के भारत की संभावनाओं को इतने सटीक ढंग से देख लेते हैं, जो बतौर रचनाकार एक अनन्य कौशल है. कोई सपना क्यों देखा जा रहा है, कोई स्वप्न दुःस्वप्न में कैसे विघटित हो जाता है, इसकी पूरी समझ इन कहानियों में मिलती है.

एक ऐसे समय में जब मानवीय मूल्यों, ईमानदारी, नैतिकता का ह्रास हो रहा है, प्रेम रंजन अनिमेष की ये कहानियाँ मूल्य आधारित कहानियाँ हैं, जो नैतिक और मानवीय मूल्यों को आगे बढ़ाती हैं और हमारी सोच समझ व संवेदना का विस्तार करती हैं. उन्होंने कहा कि ये धुँधले समय की साफ कहानियाँ हैं, जिनमें समय विमर्श और समाज विमर्श एक साथ है. इसलिए हमारे समय और समाज को समग्रता में जानने समझने के लिए अनिमेष की कहानियों को ध्यान से पढ़ना चाहिए. इस अवसर पर प्रकाश देवकुलिश, चेतन कश्यप, डॉ. योगेंद्र, लताश्री, मृणालिनी अखौरी, सुधीर सुमन, सोनू कृष्णन आदि भी मौजूद थे.

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