ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास के बेटे पर राजभवन कर्मी के साथ मारपीट का आरोप, पीड़ित की पत्नी का बयान- पति गर्वनर की नौकरी करते हैं, उनके बेटे की नहीं
Ranchi : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व ओडिशा के राज्यपाल रघुव दास के बेटे ललित दास पर राजभवन के एएसओ बैकुंठ प्रधान के साथ मारपीट करने का आरोप लगा है. बैकुंठ प्रधान की घायल तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हैं. दावा किया जा रहा है कि ललित दास ने बैकुंठ प्रधान की इसलिए पिटाई की क्योंकि वह स्टेशन पर उन्हें लेने के लिए बड़ी लग्जरी कार नहीं भेज पाए.
पीड़ित की पत्नी ने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिया बयान
राजभवन कर्मचारी बैकुंठ प्रधान की पत्नी सयोज ने दावा किया है कि उनके पति के चेहरे, कमर और पैर पर गंभीर चोटें आई हैं. वह चलने में असमर्थ हैं. उनका यह भी दावा है कि पुरी बीच पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करने में भी आनाकानी की गई. 7 जुलाई की देर रात मारपीट का आरोप पीड़ित राजभवन अधिकारी बैकुंठ प्रधान की पत्नी सयोज ने कहा कि 7 जुलाई को मेरे पति के साथ राज्यपाल के बेटे और उसके 5 साथियों ने मारपीट की. उन्हें बुरी तरह पीटा गया. जब वह कमरे से भागे तो उन्हें फिर से पकड़ लिया गया और अंदर ले जाकर फिर से पीटा गया.
#WATCH | Sayoj, wife of Baikuntha Pradhan, who works in Odisha's Raj Bhavan, has accused the Governor's son and others of beating her husband.
— ANI (@ANI) July 13, 2024
She said, "…On the night of June 7, the Governor's son called my husband to his room and beat him badly. He came out to save himself,… pic.twitter.com/PmWmVs3hqh
सयोज ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि, मेरे पति राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पुरी जगन्नाथ मेले में जाने के लिए ड्यूटी पर थे. राष्ट्रपति 7 जुलाई को वापस लौटे. ड्यूटी खत्म करने के बाद वे अपने ऑफिस में बैठे थे, तभी उन्हें राज्यपाल के बेटे का फोन आया. उन्हें स्टेशन से रिसीव करना था. मेरे पति ने उन्हें लेने के लिए अपनी मारुति सुजुकी कार भेजी, लेकिन शायद उन्हें बड़ी लग्जरी कार चाहिए थी. इसी वजह से मेरे पति की पिटाई की गई. हमें न्याय चाहिए.
20 साल से एयरफोर्स में थे बैकुंठ प्रधान
सयोज ने बताया कि उनके पति 3 साल से राजभवन में काम कर रहे हैं. वे 20 साल से एयरफोर्स में थे. उन्हें अनुशासन पसंद है और वे ईमानदारी से काम करते हैं. सयोज ने यह भी कहा कि, मेरे पति राज्यपाल के लिए काम करते हैं, न कि उनके बेटे के लिए.
उनका कहना है कि जब उन्होंने भुवनेश्वर में अधिकारियों को मारपीट के बारे में बताया, तो उन्हें भुवनेश्वर आने के लिए कहा गया. मेरे पति राष्ट्रपति के लिए ड्यूटी पर थे. वे अपनी ड्यूटी खत्म करने के 4 दिन बाद भुवनेश्वर आए. अधिकारियों को घटना की जानकारी दी गई. राज्यपाल से उनकी मुलाकात कराई गई. पति ने राज्यपाल को पूरी घटना की जानकारी दी.
सयोज का दावा है कि राज्यपाल ने मेरे पीड़ित पति की शिकायत में कोई दिलचस्पी नहीं ली. फिर रात में ही उन्होंने राज्यपाल के बेटे समेत 6 लोगों के खिलाफ पुरी बीच थाने में मामला दर्ज करा दिया. सयोज ने कहा कि अगर हमें न्याय नहीं मिला तो हम डरे-सहमे रहेंगे. हम डरे-सहमे रहेंगे. वे प्रभावशाली लोग हैं. हम क्या कर सकते हैं?