Jharkhand: सीएम चंपई सोरेन ने दी बड़ी सौगात, 25-49 वर्ष की महिलाओं को पेंशन, 200 यूनिट तक बिजली फ्री और 40 हजार सरकारी नौकरी
Jharkhand: रविवार को मानगो गांधी मैदान में 221 करोड़ रुपये के शिलान्यास और परिसंपत्ति वितरण समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि झारखंड की जनता का ख्याल रखने के लिए महागठबंधन की सरकार है. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार चार महीने में हर घर तक पहुंचेगी. घर का दरवाजा खटखटा कर उनका हालचाल पूछेगी. समारोह के दौरान मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि झारखंड सरकार जल्द ही राज्य की 25-49 वर्ष की बहनों और माताओं को तोहफा देगी. उनके खाते में एकमुश्त राशि भेजी जाएगी. सीएम चंपई सोरेन ने कहा कि सभी को 200 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी. निजी कंपनियों में 85 फीसदी नौकरी आदिवासी और मूलवासी को देनी होगी. युवाओं को रोजगार के लिए सरकार 25 लाख रुपये का लोन देगी, जिसमें 40 फीसदी सब्सिडी होगी. 40 हजार सरकारी नियुक्ति की जाएगी. इसके अलावा शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी और ऐसी शैक्षणिक व्यवस्था स्थापित की जाएगी, जिससे गांव में प्राथमिक से लेकर हर भाषा पढ़ाई जाए. किसानों को समृद्ध बनाने के लिए पाइपलाइन के जरिए उनके खेतों तक पानी पहुंचाया जाएगा. किसानों का दो लाख रुपये तक का कर्ज भी माफ किया जाएगा. पहले यह राशि 50 हजार रुपये तक सीमित थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड सरकार ने छात्रवृत्ति में तीन गुना वृद्धि की है.
मानगो गांधी मैदान में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद उन्होंने सभी विभागों की समीक्षा बैठक कर राज्य के विकास का खाका खींचा है. इसी क्रम में रविवार को कोल्हान के राजनगर और मानगो में लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण और योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया गया है. सरकार ने अपने साढ़े चार साल के कार्यकाल में दो साल कोरोना में गुजार दिए. इसके बाद शहर से लेकर गांव तक सभी का ख्याल रखने का काम किया गया. गांव के लोगों के हिसाब से योजनाएं बनाई जा रही है.
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने झारखंड में विकास की कमी के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि भाजपा ने यहां 17 साल तक शासन किया, लेकिन उनकी सरकार चंद पूंजीपतियों के इर्द-गिर्द घूमती रही. डबल इंजन की सरकार ने जहां 11 लाख राशन कार्ड रद्द किए, वहीं उनकी सरकार ने 20 लाख नए राशन कार्ड बांटे. निजी कंपनियों के मालिकों को 85 प्रतिशत तकनीकी शिक्षा प्राप्त आदिवासी और मूलवासियों को रोजगार देना होगा. सरकार इसे बड़ा अभियान बनाकर जांच कराएगी और इस नियम का पालन नहीं करने वाली कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का प्रावधान किया जाएगा. समारोह को मंत्री सत्यानंद भोक्ता, बन्ना गुप्ता, दीपक बिरुआ, विधायक मंगल कालिंदी, रामदास सोरेन ने भी संबोधित किया.