जज के बंगले में लगी आग, और मिल गए करोड़ों रुपये का भंडार, SC कॉलेजियम में मचा हड़कंप
Inlive247 Desk : दिल्ली हाईकोर्ट के एक जज के बंगले में आग लगने से एक बड़ा खुलासा हुआ है. इस घटना ने न्यायिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया है. आपको बता दें कि जज के घर से भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई है. इस घटना ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को भी तत्काल कार्रवाई करने पर मजबूर कर दिया है. जज का तबादला दूसरे हाईकोर्ट में करने का फैसला लिया गया है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, घटना के वक्त जस्टिस यशवंत वर्मा शहर में मौजूद नहीं थे. उनके परिवार के सदस्यों ने दमकल विभाग और पुलिस को इसकी सूचना दी. जब आग पर काबू पाया गया तो दमकल कर्मचारियों को एक कमरे में भारी मात्रा में नकदी मिली.
स्थानीय पुलिस ने मामले की सूचना अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दी, जिन्होंने सरकारी अधिकारियों को इस अप्रत्याशित बरामदगी के बारे में सूचित किया. यह सूचना जल्द ही सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना तक पहुंच गई. सीजेआई खन्ना ने मामले को गंभीरता से लिया और तुरंत कॉलेजियम की बैठक बुलाई.
कॉलेजियम ने सर्वसम्मति से फैसला लिया कि जस्टिस वर्मा का तुरंत तबादला किया जाना चाहिए. उनका तबादला उनके मूल उच्च न्यायालय इलाहाबाद उच्च न्यायालय में हो चुका है. न्यायमूर्ति वर्मा अक्टूबर 2021 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय से दिल्ली उच्च न्यायालय आए थे.
हालांकि, कॉलेजियम के कुछ सदस्य इस गंभीर घटना को केवल तबादले तक सीमित रखने के पक्ष में नहीं थे. उनका कहना था कि अगर यह मामला केवल तबादले तक सीमित रहा तो इससे न्यायपालिका की छवि पर बुरा असर पड़ेगा और संस्था पर भरोसा भी कम होगा. उन्होंने सुझाव दिया कि न्यायमूर्ति वर्मा को इस्तीफा देने के लिए कहा जाना चाहिए और अगर वह इनकार करते हैं तो सीजेआई को मामले की इन-हाउस जांच शुरू करनी चाहिए.
जानिए क्या कहता है नियम
1999 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित इन-हाउस जांच प्रक्रिया के तहत अगर किसी न्यायाधीश के खिलाफ भ्रष्टाचार, कदाचार या अनुशासनहीनता के आरोप हैं तो सीजेआई को पहले न्यायाधीश से जवाब मांगना होता है. अगर सीजेआई को जवाब संतोषजनक नहीं लगता तो वह जांच पैनल गठित कर सकते हैं, जिसमें एक सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश और दो हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शामिल होंगे.