CM हेमंत का आश्वासन, ‘मंईयां सम्मान योजना’ को लेकर किसी पर नहीं पड़ने देंगे बोझ
Maiyan Samman Yojna : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंईयां योजना को लेकर आश्वासन देते हुए कहा कि राज्य सरकार किसी भी तरह से किसी पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ने देगी. उन्होंने कहा कि ‘मंईयां सम्मान योजना’ ने पूरे देश में राज्य को एक अलग पहचान दिलाई है. यह कोई छोटी बात नहीं है, एक राज्य अपने बजट की इतनी बड़ी राशि से आधी आबादी के जीवन स्तर को सुधारने का प्रयास कर रहा है. इस योजना को लेकर लोग अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. सीएम ने कहा कि राज्य सरकार अपने आंतरिक संसाधनों के स्रोत को इस तरह तलाशने का प्रयास करेगी, जिससे मंईयां सम्मान योजना के लिए राशि की व्यवस्था की जा सके. सीएम सोरेन ‘अबुआ बजट’को लेकर आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए ये बातें कही.
झारखंड के लिए नींव मजबूत करने का समय
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के लिए नींव मजबूत करने का यह समय है. हेमंत सोरेन ने अपने संबोधन में कहा- ‘झारखंड को सोने की चिड़िया कहा जाता है, लेकिन हकीकत में यह राज्य देश के सबसे पिछड़े राज्यों में से है. उन्होंने कहा कि 25 वर्षों में गिरते-गिरते कई नए आयाम गढ़ने के प्रयास किए गए.
उन्होंने कहा कि भारत सरकार का बाल विकास एवं महिला कल्याण मंत्रालय पूरे देश के लिए 25-26 हजार करोड़ के बजट का प्रावधान करता है, लेकिन झारखंड सरकार अपनी आधी आबादी को 15-16 हजार करोड़ रुपये थमा देती है. ‘झारखंड मंईयां सम्मान योजना’ के तहत महिलाओं और लड़कियों को हर महीने 2500 रुपये की राशि दी जा रही है.
इंफ्रास्ट्रक्चर सड़क, बिजली और पानी को लेकर हुआ काम
हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड खनिज संपदा से भरपूर राज्य है, इसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ा है. राज्य सरकार ने सीमित संसाधनों में आधारभूत संरचना के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं. इन कार्यों को पूरा करने में अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ा. लेकिन इसके बावजूद राज्य सरकार ने हार नहीं मानी. 25 वर्षों में स्कूल, इंफ्रास्ट्रक्चर, सड़क, बिजली और पानी को लेकर काफी काम हुआ है, ये एक सतत प्रक्रिया है.