हजारीबाग सदर एसडीओ की पत्नी की इलाज के दौरान मौत, भाई ने पति और ससुराल वालों पर जलाने का लगाया आरोप
Hazaribagh: बड़ी खबर हजारीबाग सदर एसडीओ अशोक कुमार को लेकर आ रही है. एसडीओ अशोक कुमार (SDO Ashok Kumar) की पत्नी अनिता कुमारी की रांची में इलाज के दौरान मौत हो गई. बता दें कि गुरुवार की सुबह अशोक कुमार की पत्नी जल गई थी, जिसके बाद उसे रांची के देवकमल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां शुक्रवार की रात करीब 2 बजे इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
भाई ने पति और ससुराल वालों पर जलाने का लगाया आरोप
इस बीच एसडीओ की पत्नी के भाई राजू कुमार गुप्ता ने लोहसिंघना थाने में आवेदन देकर एसडीओ और उनके परिजनों पर बहन को जलाने का आरोप लगाया है. थाने में दी गई शिकायत में कहा गया है कि गुरुवार की सुबह 8:45 बजे मेरी छोटी बहन अनिता कुमारी के जलने की जानकारी दी गई. आनन-फानन में दोबारा फोन किया तो पता चला कि हजारीबाग से आरोग्य अस्पताल रेफर कर दिया गया है और वे उसे बोकारो बीजीएस अस्पताल ले जा रहे हैं, वे रास्ते में हैं. हालांकि घटना कैसे और कब हुई, यह नहीं बताया गया है.
तारपीन का तेल छिड़क कर जलाने की कोशिश की
राजू गुप्ता ने बताया कि यह घटना सुबह 7 बजे की है. जब हम बोकारो बीजीएस अस्पताल पहुंचे तो देखा कि मेरी बहन का शरीर और चेहरा काफी जल गया है. संबंधित अस्पताल के डॉक्टर से मिलने पर बताया गया कि अनिता कुमारी का 65 फीसदी शरीर जल गया है. राजू गुप्ता ने आरोप लगाया कि उसके पति अशोक कुमार, उसके भाई शिवनंदन कुमार, रिंकू देवी और दुर्योधन साव ने उस पर तारपीन का तेल छिड़क कर उसे मारने की कोशिश की.
पति अशोक कुमार का दूसरी महिला से था संबंध
राजू गुप्ता के मुताबिक मेरी बहन बार-बार कहती थी कि मेरे पति अशोक कुमार का दूसरी महिला से अवैध संबंध है. इस बात को लेकर दोनों के बीच अक्सर विवाद होता रहता था. एक बार हमारे परिजनों ने इस मामले में अशोक कुमार के परिजनों से बातचीत की थी. जिसमें अशोक कुमार ने कहा था कि अगली बार से शिकायत का मौका नहीं मिलेगा. फिर एक बार इस मामले में पति-पत्नी के बीच विवाद हुआ. इसके बाद जब हम उसके घर पहुंचे तो अशोक कुमार ने कहा कि तुम जहां जाना चाहो, जाओ. मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. मैं खुद अनुमंडल पदाधिकारी हूं. मैं तुम सब को बर्बाद कर दूंगा.
मेरी बहन जान बचाने के लिए इधर-उधर भाग रही थी
राजू गुप्ता ने बताया कि जब उन्होंने इस घटना के बारे में पता लगाने की कोशिश की तो पता चला कि जब मेरी बहन को जलाया जा रहा था तो वह जान बचाने के लिए इधर-उधर भाग रही थी, खूब चिल्ला रही थी. खूब हंगामा हो रहा था. मेरी बहन को उसके पति अशोक कुमार, ससुर दुर्योधन साव, छोटे देवर शिवनंदन कुमार और छोटी ननद रिंकू देवी जला रहे थे. जब उन्हें लगा कि वह मर जाएगी तो वे लोग उसे आनन-फानन में अस्पताल ले गए.