EVM पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी, कहा- जब आप हारते हैं तो ईवीएम से छेड़छाड़ और जब जीतते हैं तो सब ठीक, याचिका खारिज
inlive247: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चुनावों में बैलेट पेपर से मतदान प्रणाली फिर से लागू करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी. याचिकाकर्ता केए पॉल ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू और वाईएस जगन मोहन रेड्डी जैसे नेताओं ने भी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से छेड़छाड़ पर सवाल उठाए हैं. इस पर जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस पीबी वराले की बेंच ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाई. उन्होंने कहा- “राजनीतिक दलों को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से दिक्कत नहीं है, आपको क्यों है? आपको ऐसे विचार कहां से मिलते हैं?” कोर्ट ने कहा, “जब चंद्रबाबू नायडू या जगन मोहन रेड्डी चुनाव हारते हैं, तो ईवीएम से छेड़छाड़ की जाती है. जब वे जीतते हैं, तो ईवीएम के साथ सब कुछ ठीक रहता है.”
एलन मस्क की टिप्पणीयों का किया जिक्र
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता केए पॉल ने एलन मस्क की टिप्पणियों का जिक्र किया, जिन्होंने सुझाव दिया था कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है. ईवीएम लोकतंत्र के लिए खतरा हैं. उन्होंने कहा, “मैंने 150 से ज्यादा देशों का दौरा किया है. ज्यादातर ने बैलेट पेपर से मतदान को अपनाया है. मेरा मानना है कि भारत को भी यही तरीका अपनाना चाहिए.” पीठ ने कहा, “हम इसे कैसे देख सकते हैं?
सुप्रीम कोर्ट ने की याचिका खारिज
हम याचिका खारिज कर रहे हैं. यह वह जगह नहीं है जहां आप इस सब पर बहस करें. आप इस राजनीतिक क्षेत्र में क्यों आ रहे हैं? आपका कार्यक्षेत्र बहुत अलग है.” केए पॉल एक संगठन के अध्यक्ष हैं. उनके संगठन ने 3 लाख से अधिक अनाथ बच्चों और 40 लाख महिलाओं को बचाया है.
चुनाव आयुक्त ने बताया था EVM सुरक्षित है
सीईसी राजीव कुमार ने बताया था ईवीएम कितनी सुरक्षित हैं. अक्टूबर में महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों का कार्यक्रम जारी करते हुए चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने स्पष्ट किया था कि ईवीएम सुरक्षित हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या देश में कहीं भी ऐसा कोई उदाहरण है जहां प्रकटीकरण और भागीदारी पर इतना जोर दिया गया हो. ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर पूछे गए सवाल पर सीईसी राजीव कुमार ने कहा, “मतलब कितनी बार? कितनी बार हमसे ईवीएम की सुरक्षा को लेकर सवाल पूछे जाएंगे.” पिछले 10-15 चुनावों के नतीजों का हवाला देते हुए राजीव कुमार ने कहा, “ऐसा संभव नहीं है कि जब नतीजे आपके पक्ष में न हों तो आप सवाल उठाने लगें.”
हरियाणा चुनाव नतीजों में ईवीएम पर उठे थे सवाल
इससे पहले अक्टूबर में हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने पर कांग्रेस ने चुनाव आयोग से ईवीएम से छेड़छाड़ की शिकायत की थी. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. कांग्रेस की ओर से प्रिया मिश्रा और विकास बंसल ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान 20 सीटों पर मतदान और मतगणना में अनियमितता का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
कांग्रेस ने ईवीएम की बैटरी को लेकर शिकायत की थी
याचिका में कहा गया था कि चुनाव आयोग ने हरियाणा में ईवीएम से चुनाव कराए थे. उसी के आधार पर नतीजे भी घोषित किए गए, लेकिन कुछ ईवीएम 99 फीसदी बैटरी क्षमता पर काम कर रही थीं. वहीं, कुछ 60-70 और 80 फीसदी से भी कम बैटरी क्षमता पर काम कर रही थीं. मतगणना वाले दिन भी कुछ ईवीएम में 99 फीसदी बैटरी थी.
17 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस की याचिका पर की थी सुनवाई
हालांकि, 17 अक्टूबर को इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने कहा था कि ऐसी याचिका दायर करने पर आप पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है. आप दस्तावेज जमा करें, हम देखेंगे.