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कल्पना और बसंत बनेंगे मंत्री या कैबिनेट का होंगे हिस्सा? समझिए पूरा समीकरण

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Ranchi : 28 नवंबर को हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री की शपथ लेंगे. वहीं हेमंत सोरेन के नए मंत्रिमंडल को लेकर चर्चाएं चल रही हैं. ज्यादातर लोगों की दिलचस्पी यह जानने में है कि हेमंत सोरेन अपनी पत्नी और गांडेय विधायक कल्पना सोरेन और अपने छोटे भाई बसंत सोरेन को इस मंत्रिमंडल में शामिल करेंगे या नहीं?
रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार हेमंत सोरेन के परिवार का कम से कम एक सदस्य उनके नए मंत्रिमंडल में शामिल होगा. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि हेमंत सोरेन 12 सदस्यीय मंत्रिपरिषद में अपनी पत्नी कल्पना सोरेन या अपने छोटे भाई बसंत सोरेन को शामिल करते हैं या दोनों को?
पत्नी या भाई को शामिल करने के अलावा हेमंत सोरेन को जेएमएम कोटे से मंत्रियों का चयन करने में भी कड़ी मेहनत करनी होगी. हेमंत सोरेन ऐसा मंत्रिमंडल बनाना चाहते हैं जिसमें आदिवासी, एससी, ओबीसी, मुस्लिम और ईसाई के जातिगत समीकरण को साधा जा सके.

झारखंड में 12 मंत्री लेंगे शपथ

नियमों के अनुसार, मंत्रिमंडल का आकार विधानसभा की क्षमता के 15 प्रतिशत तक सीमित होना चाहिए और 12 से कम नहीं होना चाहिए. झारखंड के 80 सदस्यीय सदन के मामले में यह आंकड़ा 12 है. अपनी पत्नी कल्पना सोरेन और भाई के संभावित दावेदार होने के कारण हेमंत को झामुमो कोटे से मंत्री चुनने में भी कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा.

क्या कल्पना सोरेन को मंत्री बनाए जाने की संभावना अधिक है? जानिए क्यों?

कल्पना सोरेन को हेमंत मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की संभावना अधिक है…क्योंकि महिलाओं के प्रतिनिधित्व को भी ध्यान में रखना होगा. हेमंत मंत्रिमंडल में लुईस मरांडी को भी मंत्री बनाया जा सकता है.


अगर कल्पना सोरेन की बात करें तो कल्पना ने गांडेय सीट पर एक साल में दो बार जीत दर्ज की, पहली बार जून में उपचुनाव के दौरान और फिर विधानसभा चुनाव 2024 में. कल्पना सोरेन झामुमो के नेतृत्व वाले इंडी ब्लॉक की स्टार प्रचारक थीं. उन्होंने अपने दम पर 100 से अधिक रैलियां की हैं. उन्होंने गठबंधन के महीने भर के अभियान का नेतृत्व किया. हेमंत सोरेन ने खुद राज्य में अच्छे प्रदर्शन का श्रेय अपनी पत्नी को दिया है.


हालांकि, पार्टी की जीत में बसंत सोरेन की भी अहम भूमिका रही है. पूर्व सीएम चंपाई सोरेन की पांच महीने पुरानी सरकार में मंत्री रहे बसंत सोरेन को आदिवासी गढ़ संथाल परगना और पार्टी के गढ़ दुमका में जेएमएम के शानदार प्रदर्शन का श्रेय दिया जाता है.
हालांकि, पार्टी नेतृत्व फिलहाल मंत्रिमंडल के चयन पर चुप है, लेकिन जेएमएम के सूत्रों का दावा है कि इस बार 30 से 34 सीटों तक पहुंचने के बावजूद पार्टी कोटे में ज्यादा बढ़ोतरी की गुंजाइश नहीं है.

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