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मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में भगदड़ से कई श्रद्धालुओं की मौत, 50 से अधिक घायल, अखाड़ों का अमृत स्नान रद्द, देखे video

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Prayagraj: मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर प्रयागराज के संगम तट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी, जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई. अत्यधिक भीड़ के दबाव के कारण बैरिकेडिंग टूट गई, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई. इस घटना में 10 से अधिक लोगों के घायल होने की आशंका है. घटना के तुरंत बाद प्रशासन और पुलिस ने मोर्चा संभाला और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया.

प्राप्त जानकारी के अनुसार अचानक भीड़ बढ़ने के कारण यह हादसा हुआ. जानकारी के अनुसार देर रात करीब 2 बजे बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान के लिए संगम तट पर पहुंचे थे.इस दौरान अचानक बैरिकेडिंग का एक हिस्सा गिर गया, जिससे वहां मौजूद लोगों में भगदड़ मच गई. स्थिति तेजी से बिगड़ने लगी और लोग इधर-उधर भागने लगे. कई श्रद्धालुओं का सामान गिरने से अफरा-तफरी और बढ़ गई. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार भीड़ इतनी अधिक थी कि संभलने का मौका ही नहीं मिला.

भगदड़ के बाद प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए हैं. श्रद्धालुओं से धैर्य बनाए रखने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की जा रही है. महंत राजू दास ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि उनके अखाड़े का अमृत स्नान सुबह 8:30 बजे प्रस्तावित था, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए फिलहाल इसे टालने पर विचार किया जा रहा है.

कुंभ क्षेत्र में अब तक 12 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु पहुंच चुके हैं. यह स्थिति अपेक्षा से अधिक भीड़ के कारण उत्पन्न हुई है. फिलहाल प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं और राहत एवं बचाव कार्य जारी है. पुलिस पूरे इलाके में कड़ी नजर रख रही है, ताकि ऐसी कोई घटना दोबारा न हो. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस, अर्धसैनिक बल और दमकल की टीमें मौके पर पहुंच गईं. संगम क्षेत्र में पहले से मौजूद अग्निशमन सेवा के ऑल-टेरेन वाहन को राहत कार्य में लगाया गया, जिससे कई घायलों को सुरक्षित बाहर निकाला गया. मुख्य अग्निशमन अधिकारी (सीएफओ) भारतेंदु जोशी ने बताया कि इस वाहन की मदद से बचाव अभियान तेजी से चलाया गया और घायलों को तुरंत एंबुलेंस में पहुंचाया गया. श्रद्धालुओं की भीड़ प्रशासन के लिए चुनौती बनी मौनी अमावस्या के अवसर पर संगम तट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटे थे. प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए बैरिकेडिंग लगाई थी, लेकिन भीड़ अधिक होने के कारण स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई. पुलिस और सिविल डिफेंस के जवानों ने बैरिकेडिंग कर भीड़ को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश की, लेकिन श्रद्धालुओं की अधिक संख्या के कारण ऐसा संभव नहीं हो सका.

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