RBI की कोटक महिंद्रा बैंक पर बड़ी कार्रवाई : नए ग्राहक जोड़ने पर रोक, क्रेडिट कार्ड भी नहीं कर सकेंगे जारी
New Delhi : आरबीआई ने प्राइवेट क्षेत्र के कोटक महिंद्रा बैंक पर बड़ी कार्रवाई की है. भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को ऑनलाइन या मोबाइल बैंकिंग ऐप के जरिए नए ग्राहक जोड़ने से रोक दिया है। इसके साथ ही आरबीआई ने बैंकों द्वारा नए क्रेडिट कार्ड जारी करने पर भी रोक लगा दी है। केंद्रीय बैंक ने इस संबंध में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जानकारी साझा की है और बैंक में कई कमियों को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है.
मौजूदा ग्राहकों पर बैन का कोई असर नहीं
भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35A के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए कोटक महिंद्रा बैंक पर तत्काल प्रभाव से नए ग्राहक जोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि, बैंक अपने मौजूदा ग्राहकों को सभी प्रकार की सेवाएं सुचारू रूप से प्रदान करता रहेगा। इसमें मौजूदा क्रेडिट कार्ड ग्राहक भी शामिल हैं, जिन्हें पहले से मिल रही सुविधाएं मिलती रहेंगी।
RBI ने कोटक महिंद्रा बैंक को तत्काल प्रभाव से नए ग्राहक जोड़ने से रोक दिया है और कहा है कि लगाए गए इन प्रतिबंधों की समीक्षा केंद्रीय बैंक की पूर्व मंजूरी के साथ बैंक द्वारा शुरू किए जाने वाले एक व्यापक बाहरी ऑडिट के पूरा होने पर की जाएगी और इसमें बताई गई सभी कमियों की समीक्षा की जाएगी।
इसलिए बैंक आया आरबीआई के निशाने पर
आरबीआई ने कहा है कि कोटक महिंद्रा बैंक पर यह कार्रवाई इसलिए की गई क्योंकि वर्ष 2022-23 के लिए आईटी परीक्षा के दौरान बैंक में विभिन्न कमियों को लेकर चिंताएं जताई गई थीं। कोटक महिंद्रा बैंक इन चिंताओं को निर्धारित समय के भीतर हल करने में विफल रहा है।
आरबीआई ने कहा कि आईटी जोखिम प्रबंधन ढांचे की कमी के कारण, बैंक की कोर बैंकिंग प्रणाली और उसके ऑनलाइन और डिजिटल बैंकिंग चैनलों में पिछले दो वर्षों में कई रुकावटें देखी गई हैं, जिसके कारण बैंक ग्राहकों को समस्याओं का सामना करना पड़ा. आरबीआई के अनुसार, कोटक महिंद्रा बैंक जिस तरह से अपनी आईटी इन्वेंट्री का प्रबंधन करता है, डेटा सुरक्षा के प्रति उसके दृष्टिकोण में गंभीर कमियां पाई गईं.
बैंक कमियों को दूर करने में विफल रहा
रिजर्व बैंक का कहना है कि दो साल में बैंक ने अपने कंप्यूटर उपकरण, सॉफ्टवेयर अपडेशन या अपने सिस्टम तक पहुंच से जुड़ी समस्याओं का समाधान नहीं किया और न ही डेटा सुरक्षा का प्रबंधन किया. ऐसे में नियामकीय उल्लंघन के चलते यह कार्रवाई की गई है. इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने कहा है कि अब बाहरी ऑडिट के बाद प्रतिबंधों की समीक्षा के बाद अगला कदम उठाया जाएगा.
केंद्रीय बैंक के मुताबिक, ग्राहकों के हित में और किसी भी संभावित लंबे समय तक आउटेज को रोकने के लिए, दो साल तक निगरानी रखने के बाद, उसने बैंक पर कुछ प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है.