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बीजेपी को बड़ा झटका देने की तैयारी में झामुमो! कोल्हान टाइगर के वापसी का बना रही प्लान, क्या इस ऑफर से मान जाएंगे चंपाई सोरेन

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inlive 247 desk: झारखंड में सत्ता में वापसी के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) अब विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (BJP) को एक और झटका देने की तैयारी में है. JMM चुनाव से पहले पार्टी छोड़कर गए अपने नेताओं को वापस लाने की योजना पर काम कर रहा है. इस लिस्ट में पूर्व सीएम चंपाई सोरेन का नाम सबसे ऊपर है.

चंपाई सोरेन चुनाव से ठीक पहले JMM छोड़कर BJP में शामिल हुए थे. कहा जा रहा है कि हेमंत सोरेन सभी दिग्गज नेताओं को वापस लाने में लगे हैं.

जानिए चंपाई सोरेन के नाम पर चर्चा क्यों हो रही है?

चंपाई सोरेन फिलहाल सरायकेला विधानसभा सीट से विधायक हैं. चंपाई झारखंड के पूर्व सीएम और जेएमएम के संस्थापक सदस्य रह चुके हैं. इस बार जेएमएम गठबंधन को आदिवासियों के लिए आरक्षित 28 में से सिर्फ एक सीट पर हार का सामना करना पड़ा है. वह सीट है चंपाई सोरेन की सरायकेला.

झारखंड चुनाव के बाद जेएमएम के राष्ट्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने उनकी वापसी को लेकर बयान दिया है. सुप्रियो ने कहा कि अगर चंपाई दादा आना चाहते हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे. उनके लिए जेएमएम के दरवाजे खुले रहेंगे.

चुनाव प्रचार के दौरान दोनों आक्रामक नहीं रहे

चुनाव प्रचार के दौरान भी हेमंत सोरेन ने चंपाई पर हमला नहीं किया. वहीं, पूरे चुनाव के दौरान चंपाई ने हेमंत और सोरेन परिवार पर निजी हमले करने से भी परहेज किया.

1. झारखंड मुक्ति मोर्चा चंपाई सोरेन को दिल्ली में काम करने का मौका दे सकता है और उनके बेटे को उनकी सीट सरायकेला से विधायक बनवा सकता है. चंपाई सोरेन के बेटे बाबू लाल सोरेन इस बार भाजपा के सिंबल पर घाटशिला सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन चुनाव हार गए.

2. चंपाई पहले की तरह झामुमो में शामिल हो जाएं और हेमंत सोरेन की सरकार में मंत्री बन जाएं.

पहले भी वापस आ चुके हैं नेता

2014 के चुनाव में साइमन मरांडी और हेमलाल मुर्मू झारखंड मुक्ति मोर्चा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे. दोनों नेताओं की गिनती झामुमो के अंदर मजबूत नेताओं में होती थी. 2019 से पहले झामुमो ने दोनों नेताओं को वापस ला दिया.

हाल ही में बहरागोड़ा विधानसभा के पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी वापस आ गए हैं. षाड़ंगी कभी हेमंत सोरेन के करीबी माने जाते थे. 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले कुणाल षाड़ंगी झामुमो को छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे.

ये नेता भी भाजपा में शामिल हुए

झारखंड मुक्ति मोर्चा छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं की लंबी फेहरिस्त है. शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन लोकसभा से पहले भाजपा में शामिल हुई थीं. सीता दुमका से लोकसभा और जामताड़ा से विधानसभा चुनाव हार चुकी हैं.

इसी तरह विधानसभा चुनाव से पहले बोरियो विधायक लोबिन हेम्ब्रम भी झामुमो छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे. हालांकि, हेम्ब्रम भी बोरियो सीट से चुनाव नहीं जीत पाए थे.

लिट्टीपाड़ा सीट के पूर्व विधायक दिनेश विलियम मरांडी भी झामुमो छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए. लिट्टीपाड़ा में भी भाजपा जीत नहीं सकी.

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