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QR कोड के फांस में जयराम महतो! विदेशी चंदा लेने का आरोप, चुनाव आयोग ने दिए जांच के आदेश

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Ranchi: झारखंड लोकतांत्रिक क्रांति मोर्चा के संस्थापक और डुमरी विधायक जयराम महतो और उनकी पार्टी पर विदेश से चंदा लेने का आरोप लगा है. यह मामला विधानसभा चुनाव के समय का है. पश्चिम बंगाल के रहने वाले राहुल बनर्जी ने चुनाव आयोग को ईमेल कर शिकायत दर्ज कराई है. उन्होंने कुछ दस्तावेज भी दिए हैं, जिसमें दानदाताओं की सूची और राशि का ब्योरा है. चुनाव आयोग ने बोकारो डीसी को जांच के आदेश दिए हैं. जयराम महतो ने चुनाव के दौरान क्यूआर कोड के जरिए चंदा मांगा था, जिसका जिक्र भी शिकायत में किया गया है.

जयराम महतो पर विदेशी फंडिंग का आरोप

अपने बयानों और तेवरों के लिए मशहूर जयराम महतो अब मुश्किलों में घिरते नजर आ रहे हैं. उनकी पार्टी जेएलकेएम पर विधानसभा चुनाव के दौरान विदेशी फंडिंग का आरोप लगा है. शिकायतकर्ता राहुल बनर्जी ने ईमेल के जरिए चुनाव आयोग को अपनी शिकायत भेजी है. उनका कहना है कि झारखंड लोकतांत्रिक क्रांति मोर्चा ने विदेश से पैसे लिए हैं.

क्यूआर कोड के जाल में जयराम महतो

राहुल बनर्जी ने अपने ईमेल के साथ कुछ दस्तावेज भी भेजे हैं. इन दस्तावेजों में एक सूची है, जिसमें लोगों के नाम और उनके द्वारा दिए गए पैसे का ब्योरा है. इस सूची के अनुसार सऊदी अरब में रहने वाले कुछ लोगों ने जेएलकेएम को चंदा दिया है. शिकायत में जयराम महतो द्वारा चुनाव के दौरान जारी किए गए क्यूआर कोड का भी जिक्र है, जिसके जरिए उन्होंने लोगों से चंदा मांगा था.

राजनीतिक दलों को विदेशी चंदा देने पर रोक

चुनाव आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और बोकारो डीसी को पत्र लिखा है. आयोग ने डीसी को मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. भारत में किसी भी राजनीतिक दल को विदेश से चंदा लेने की अनुमति नहीं है. चुनाव आयोग ने अपने पत्र में बोकारो डीसी से राहुल बनर्जी द्वारा दिए गए सबूतों की भी जांच करने को कहा है.

जयराम महतो के लिए नई चुनौती

राहुल बनर्जी ने अपनी शिकायत में चुनाव आयोग से जेएलकेएम की मान्यता रद्द करने और जयराम महतो को चुनाव प्रक्रिया से बाहर करने की मांग की है. अब देखना यह है कि जांच के बाद क्या कार्रवाई होती है और इस मामले का क्या नतीजा निकलता है? अगर आरोप सही साबित हुए तो जयराम महतो और उनकी पार्टी के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है. यह मामला झारखंड की राजनीति में नया मोड़ ला सकता है. फिलहाल सबकी निगाहें बोकारो डीसी की जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं.

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