धरती आबा के वंशज मंगल सिंह मुंडा का निधन, सीएम हेमंत व बाबूलाल मरांडी ने जताया दुख
Ranchi : धरती आबा बिरसा मुंडा के वंशज मंगल सिंह मुंडा का बीती रात करीब 12.30 बजे निधन हो गया. मंगल मुंडा ने रिम्स में अंतिम सांस ली. उनके निधन से आदिवासी समुदाय में शोक की लहर है. उनका अंतिम संस्कार खूंटी के उलिहातु गांव में किया जाएगा.
रिम्स में इलाजरत भगवान बिरसा मुंडा के वंशज श्री मंगल मुंडा जी के निधन की खबर से अत्यंत दुखी हूं।
मरांग बुरु दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान कर शोकाकुल परिवारजनों को दुःख की यह विकट घड़ी सहन करने की शक्ति दें।— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) November 29, 2024
वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगल सिंह मुंडा निधन पर दुख व्यक्त किया है. सीएम ने लिखा है, “आरआईएमएस में इलाजरत भगवान बिरसा मुंडा के वंशज श्री मंगल मुंडा जी के निधन की खबर से मुझे अत्यंत दुःख हुआ है. मरांग बुरु दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें तथा शोकाकुल परिवार को दुःख की इस कठिन घड़ी को सहन करने की शक्ति प्रदान करें.”
धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के परपोते मंगल मुंडा जी का असामयिक निधन अत्यंत दुखद और हृदय विदारक है।
सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के बाद जिस तरह से उन्हें इलाज के लिए तड़पना पड़ा, वह हमारी व्यवस्था की संवेदनहीनता को दर्शाता है।
इतनी नाजुक स्थिति में भी उन्हें समय पर…— Babulal Marandi (@yourBabulal) November 29, 2024
वहीं बाबूलाल मरांडी ने भी भगवान बिरसा मुंडा के परपोते के निधन पर शोक व्यक्त किया है. इसके साथ ही उन्होंने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं. उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के बाद जिस तरह से उन्हें इलाज के लिए तड़पना पड़ा, वह हमारे सिस्टम की असंवेदनशीलता को दर्शाता है. इतनी गंभीर हालत में भी उन्हें समय पर ट्रॉमा सेंटर में बेड नहीं मिला. इलाज शुरू होने में 10 घंटे की देरी हुई. परिजनों को ₹15,000 की दवाइयां खुद खरीदनी पड़ी. आज अबुआ सरकार में एक गरीब आदिवासी की जान की यही कीमत है. यह सिर्फ मंगल मुंडा की मौत नहीं, बल्कि सिस्टम द्वारा उनकी हत्या है. उन्होंने आगे कहा कि झारखंड में जहां बिरसा मुंडा को उनके आदर्शों पर चलना चाहिए था, वहां उनके वंशज के साथ ऐसा व्यवहार हर संवेदनशील व्यक्ति को झकझोर देता है. क्या आज हमारी सरकार और सिस्टम में गरीबों के लिए कोई जगह नहीं बची है? यह सवाल सिर्फ मंगल मुंडा के परिवार का नहीं, बल्कि झारखंड के हर गरीब आदिवासी का है.
आपको बता दें कि 25 नवंबर को खूंटी-तमाड़ रोड पर मंगल मुंडा सड़क हादसे का शिकार हो गए थे. उनके सिर में गंभीर चोट आई थी. इसके बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए रिम्स लाया गया था. 26 नवंबर को डॉक्टरों की टीम ने उनका इलाज शुरू किया था. उन्हें आईसीयू में रखा गया था.