बड़ा एक्शन: बच्चों की जान पर ख़तरा! झारखंड में बैन हुए ये 3 कफ सिरप, स्वास्थ्य मंत्री का कड़ा संदेश: ‘समझौता बर्दाश्त नहीं’
inlive247 Desk: बच्चों की सुरक्षा को लेकर आ रही गंभीर ख़बरों के बाद, झारखंड सरकार ने बिना देर किए एक बड़ा फैसला लिया है. राज्य में तीन कफ सिरप—कोल्ड्रिफ, रेस्पीफ्रेश और रिलीफ—की बिक्री, खरीदने और इस्तेमाल करने पर फौरन रोक लगा दी गई है. यह बड़ा कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि मध्य प्रदेश और राजस्थान में इन सिरप को पीने के बाद बच्चों की जान जाने की खबरें सामने आई थीं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का था निर्देश
राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अजय कुमार सिंह ने इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय से निर्देश मिलते ही, राज्य औषधि नियंत्रण निदेशालय ने देर न करते हुए इन तीनों कफ सिरप पर प्रतिबंध लगाने की आधिकारिक सूचना जारी कर दी है.
“जिंदगी से समझौता नहीं होगा”: स्वास्थ्य मंत्री का सख्त रुख
सरकार का इतना सख्त और तेज़ फैसला राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के सीधे निर्देश पर आया है. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से कहा था कि इन उत्पादों पर तुरंत बैन लगाया जाए और सूचना जारी की जाए.
स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने दो टूक कहा, “जनता के स्वास्थ्य से किसी भी तरह का खिलवाड़ बिलकुल बर्दाश्त नहीं होगा. जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. हमारी जिम्मेदारी जीवन बचाना है, न कि उससे समझौता करना.”
दवा दुकानों पर छापेमारी शुरू! सैंपल की होगी लैब जाँच
प्रतिबंध लगाने के साथ ही, सरकार ने एक और कड़ा आदेश जारी किया है. राज्य भर के सभी जिला औषधि नियंत्रकों और निरीक्षकों को कहा गया है कि वे तुरंत दवा दुकानों और वितरकों के पास जाएँ और इन सिरप के नमूने (सैंपल) लेकर लैब टेस्ट के लिए भेजें.
जारी बयान में साफ़ कहा गया है कि अगर जाँच में कोई भी सिरप हानिकारक साबित हुआ, तो उसे तुरंत जब्त करके नष्ट कर दिया जाएगा.
MP में 14 बच्चों की मौत के बाद हुई थी बड़ी हलचल
यह पूरा मामला तब गरमाया था जब मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कथित तौर पर दूषित कफ सिरप पीने से 14 बच्चों की किडनी खराब होने के चलते मौत हो गई थी. इस मामले के बाद MP सरकार ने भी सोमवार को ताबड़तोड़ एक्शन लिया था. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एक बड़ी बैठक में स्थिति की समीक्षा की और दो दवा निरीक्षकों के साथ-साथ खाद्य एवं औषधि प्रशासन के एक उपनिदेशक को सस्पेंड कर दिया था। साथ ही, राज्य के औषधि नियंत्रक दिनेश मौर्य का भी तबादला कर दिया गया था.