RBI Monetary Policy: लगातार 11 वीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं, महंगाई और लोन के ईएमआई में राहत नहीं
RBI: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को अपनी मौद्रिक नीति बैठक के बाद कुछ अहम फैसले लिए, जो आम जनता के लिए निराशाजनक साबित हो सकते हैं. RBI ने लगातार 11वीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है और इसे 6.5% पर बरकरार रखा है. इसका मतलब है कि लोन लेने वाले लोगों को अपनी EMI में कोई राहत नहीं मिलेगी.
RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि देश की जनता को 2025 की तीसरी तिमाही तक महंगाई से कोई बड़ी राहत मिलने की संभावना नहीं है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि साल की आखिरी तिमाही में महंगाई में मामूली गिरावट आ सकती है. खाद्य महंगाई पर चिंता जताते हुए गवर्नर ने कहा कि इससे उपभोक्ताओं की डिस्पोजेबल आय कम हो जाती है, जिसका असर सामान्य खर्च और आर्थिक गतिविधियों पर पड़ता है. हालांकि RBI की मौद्रिक नीति में एक सकारात्मक कदम भी उठाया गया है. RBI ने कैश रिजर्व रेशियो (CRR) में 0.5% की कटौती कर इसे 4% पर ला दिया है. इस फैसले से बैंक ज्यादा लोन दे सकेंगे और उन्हें ज्यादा लिक्विडिटी उपलब्ध हो सकेगी. यह कदम आरबीआई की तटस्थ नीति को दर्शाता है, जो बैंकों के लिए आर्थिक स्थिति को मजबूत करने का संकेत देता है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर आशावादी रुख अपनाते हुए कहा कि उच्च आवृत्ति संकेतक बताते हैं कि घरेलू गतिविधियां अब अपने निचले स्तर से बाहर आ रही हैं. इससे संकेत मिलता है कि आने वाले समय में आर्थिक स्थिरता देखने को मिल सकती है.