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कोर्ट में लंबी गर्मी की छुट्टियों में ‘सुप्रीम’ बदलाव, अवकाशकालीन जज शब्द भी होगा खत्म

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New Delhi : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने लंबी गर्मी की छुट्टियों को लेकर बड़ा बदलाव किया है. इसके अलावा वेकेशन जज (Vacation Judge) शब्द को भी खत्म करने का फैसला किया है. बता दें कि SC के नए नियमों में हर साल होने वाली गर्मी की छुट्टियों को अब ‘आंशिक कोर्ट वर्किंग डे’ (‘Partial court working day’) नाम दिया गया है. वहीं अवकाशकालीन जज (वेकेशन जज) का नाम भी बदल दिया गया है. इसे बदलकर जज (Judge) कर दिया गया है.

सुप्रीम कोर्ट की छुट्टियों को लेकर किया गया यह बदलाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले कुछ समय से इस बात को लेकर चर्चा चल रही थी कि सुप्रीम कोर्ट में लंबी छुट्टियां मिलती हैं. यह सुप्रीम कोर्ट रूल 2013 के संशोधन का हिस्सा था, लेकिन बदलाव के बाद अब यह सुप्रीम कोर्ट (दूसरा संशोधन) रूल 2024 बन गया है. इस बदलाव को 5 नवंबर (5 November) को नोटिफाई किया गया है.

छुट्टियाँ 95 दिनों से ज़्यादा नहीं होंगी

अधिसूचना में कहा गया है कि ‘आंशिक न्यायालय कार्य दिवसों’ और न्यायालय तथा उसके कार्यालयों की छुट्टियों की अवधि मुख्य न्यायाधीश द्वारा तय की जाएगी. इसे आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचित किया जाएगा. ये छुट्टियाँ रविवार को छोड़कर 95 दिनों से ज़्यादा नहीं होंगी.

मुख्य न्यायाधीश लेंगे अंतिम निर्णय

अधिसूचना में कहा गया है कि मुख्य न्यायाधीश ‘आंशिक न्यायालय कार्य दिवसों’ या छुट्टियों के दौरान नोटिस के बाद सभी दाखिलों, तत्काल नियमित मामलों के लिए एक या अधिक न्यायाधीशों की नियुक्ति कर सकते हैं. इसके अलावा अन्य मामलों में भी ऐसा किया जा सकता है. ऐसे सभी फैसले मुख्य न्यायाधीश लेंगे.

अभी नहीं बनेगी अवकाश पीठ

पहले की व्यवस्था के अनुसार हर साल गर्मी और सर्दी में सुप्रीम कोर्ट में छुट्टियां होती थीं. हालांकि इस दौरान सुप्रीम कोर्ट पूरी तरह बंद नहीं रहता था. गर्मी की छुट्टियों में मुख्य न्यायाधीश महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई के लिए अवकाश पीठ का गठन करते थे. हालांकि अब इस अवधि को खत्म कर दिया गया है. हाल ही में प्रकाशित सुप्रीम कोर्ट कैलेंडर (2025) (Supreme Court Calendar 2025) के अनुसार ‘आंशिक अदालती कार्य दिवस’ (‘Partial court working days’ ) 26 मई 2025 से शुरू होकर 14 जुलाई 2025 को खत्म होंगे.

‘छुट्टियों में जज इधर-उधर नहीं घूमते’

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ पहले भी सार्वजनिक मंच पर इस मुद्दे पर अपनी राय रख चुके हैं. उन्होंने कहा था कि जज छुट्टियों में भी अपने काम के प्रति समर्पित रहते हैं. एक कार्यक्रम में शामिल होते हुए सीजेआई ने कहा था कि जज छुट्टियों में इधर-उधर नहीं घूमते या मौज-मस्ती नहीं करते. उन्होंने कहा कि वीकेंड पर भी जज अक्सर कार्यक्रमों में शामिल होते हैं, हाईकोर्ट जाते हैं या कानूनी सहायता से जुड़े कामों में लगे रहते हैं.
‘न्यायाधीश सप्ताहांत पर भी काम करते हैं’

इस मुद्दे पर मई 2024 में न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की शीर्ष अदालत की पीठ ने कहा था कि जो लोग लंबी छुट्टियों के लिए सुप्रीम कोर्ट की आलोचना करते हैं, उन्हें यह समझ में नहीं आता कि न्यायाधीशों को सप्ताहांत पर भी छुट्टियां नहीं मिलती हैं.

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