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सीता सोरेन पर “अमर्यादित टिप्पणी” के खिलाफ भाजपा महिला मोर्चा ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन, कार्रवाई की मांग

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Ranchi: भाजपा महिला मोर्चा के एक प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन में राज्यपाल संतोष गंगवार से मुलाकात की और उन्हें मंत्री इरफान अंसारी द्वारा श्रीमती सीता सोरेन के खिलाफ की गई अमर्यादित टिप्पणी के संबंध में ज्ञापन सौंपा. प्रतिनिधिमंडल में महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष आरती सिंह, भाजपा प्रदेश मंत्री अनामिका जूही, सीमा शर्मा, राजश्री जयंती, रेणु तिर्की, नीलम चौधरी और अशोक बड़ाइक शामिल थे. प्रतिनिधिमंडल ने झारखंड सरकार के मंत्री और जामताड़ा से कांग्रेस उम्मीदवार इरफान अंसारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.

भाजपा महिला मोर्चा ने राज्यपाल से यह की मांग

“झारखंड के सामाजिक और राजनैतिक जीवन में श्रीमती सीता सोरेन जी का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण और सम्मानजनक है. वे एक पूर्व विधायक भी हैं साथ ही झारखंड के संघर्ष और बलिदान के प्रतीक माने जाने वाले स्वर्गीय श्री दुर्गा सोरेन जी की पत्नी भी हैं. श्रीमती सीता सोरेन आदिवासी समाज, विशेषकर संथाल समुदाय की प्रतिनिधि हैं और उनका व्यक्तित्व समाज के लिए प्रेरणास्रोत है.

हाल ही में, झारखंड सरकार के मंत्री श्री इरफ़ान अंसारी द्वारा सार्वजनिक मंच पर श्रीमती सीता सोरेन को “रिजेक्टेड माल” कहकर अभद्र टिप्पणी की गई. यह टिप्पणी न केवल श्रीमती सोरेन का अपमान है, बल्कि पूरे आदिवासी समाज, विशेषकर आदिवासी महिलाओं का भी अनादर करती है. जिस झारखंड राज्य का निर्माण आदिवासियों के उत्थान और सम्मान के लिए हुआ है, उसी राज्य के एक आदिवासी जनप्रतिनिधि के खिलाफ इस तरह के अशोभनीय शब्द का प्रयोग अत्यंत निंदनीय है. हम आपके ध्यान में यह भी लाना चाहते हैं कि श्री इरफान अंसारी के इस अपमानजनक बयान के अतिरिक्त, उन्होंने श्रीमती सीता सोरेन को परेशान करने के उद्देश्य से जामताड़ा थाने में एक फर्जी मामला भी दर्ज करवाया है. यह कदम दर्शाता है कि मंत्री महोदय के महिलाओं के प्रति व्यवहार और शब्दों में मानवीयता और शालीनता की कमी है.

अतः हम आदरणीय महामहिम जी से निवेदन करते हैं कि श्री इरफान अंसारी को उनके मंत्री पद से तत्काल बर्खास्त किया जाए और उनके ऊपर चुनाव लड़ने से भी रोक लगाई जाए. ऐसे व्यक्ति, जो आदिवासी समाज के प्रति अपमानजनक और असंवेदनशील दृष्टिकोण रखते हैं, उन्हें लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति देना राज्य के आदर्शों के विपरीत है.

हमें पूर्ण विश्वास है कि आप इस मामले की गंभीरता को समझते हुए उचित कार्रवाई करेंगे, ताकि झारखंड के आदिवासी समाज का सम्मान और गौरव सुरक्षित रहे:.

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