झारखंड के वकीलों के लिए बड़ी खबर : 5 लाख तक इलाज का खर्च उठाएगी सरकार, पेंशन भी देगी, जानें क्या हैं वकीलों के पक्ष के तीन बड़े निर्णय
झारखंड के वकीलों के लिए बड़ी खबर : झारखंड के वकीलों के लिए बड़ी खबर है. राज्य सरकार अब वकीलों का 5 लाख तक इलाज का खर्च उठाएगी. इसके साथ ही नए वकीलों को मिलने वाली साहयता राशि भी बढ़ाने पर निर्णय लिया है. नए वकीलों को 5,000 रुपये प्रतिमाह वजीफा दिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने राज्य के महाधिवक्ता राजीव रंजन से विचार-विमर्श के बाद यह फैसला लिया है. इस फैसले के तहत राज्य के 30 हजार से अधिक वकीलों को लाभ मिलेगा.
झारखंड होगा वकीलों को पेंशन देने वाला देश का पहला राज्य
वहीं झारखंड सरकार ने राज्य के वकीलों को पेंशन देने का भी ऐलान किया है. गौरतलब है कि सरकार ने राज्य के वकीलों के लिए तीन बड़े फैसले लिए हैं. सरकार द्वारा लिए गए फैसले का संकल्प जल्द ही जारी किया जाएगा. वहीं यह व्यवस्था इसी वित्तीय वर्ष से लागू होगी. इस तरह झारखंड वकीलों को पेंशन देने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा.
जानें क्या हैं वकीलों के पक्ष के तीन निर्णय
- सरकार उन वकीलों को हर महीने सात हजार रुपये पेंशन देगी जो 65 साल से अधिक उम्र के हैं और अपना लाइसेंस सरेंडर कर चुके हैं. अभी तक इन वकीलों को एडवोकेट वेलफेयर फंड से सात हजार रुपये मिलते थे. अब वकीलों को कुल 14 हजार रुपये पेंशन मिलेगी. इसके लिए झारखंड एडवोकेट वेलफेयर फंड न्यास समिति को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 1.60 करोड़ रुपये अनुदान देने की मंजूरी दी गई है.
- वहीं अब नए वकीलों को तीन साल तक वजीफा (Stipend) मिलेगा. इसके तहत पांच हजार रुपये दिए जाएंगे. पहले वकीलों को एडवोकेट वेलफेयर फंड से तीन साल तक एक हजार रुपये प्रतिमाह वजीफा मिलता था. अब उन्हें पांच हजार रुपये मिलेंगे. इसमें से ढाई हजार रुपये सरकार देगी. इसके लिए सरकार ने डेढ़ करोड़ रुपये अनुदान के भुगतान को मंजूरी दे दी है.
- वहीं, राज्य के 30 हजार से अधिक वकीलों को पांच लाख रुपये का मेडिकल बीमा भी मिलेगा. इसके लिए सरकार एडवोकेट वेलफेयर फंड ट्रस्ट को 6000 रुपये का प्रीमियम भी देगी. इसके लिए भी नौ करोड़ रुपये के भुगतान को मंजूरी दी गई है.