आर्टिकल 370 के फैसले की समीक्षा की मांग वाली याचिकाओं को SC ने किया खारिज, यहां पढ़ें जजमेंट
New Delhi : आर्टिकल 370 के फैसले की समीक्षा की मांग वाली याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द करने के केंद्र सरकार के 2019 के फैसले की वैधता को बरकरार रखा था.
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, बीआर गवई, सूर्यकांत और एएस बोपन्ना की पांच न्यायाधीशों की पीठ ने समीक्षा याचिकाएं खारिज कर दीं और कहा कि 11 दिसंबर, 2023 को दिए गए फैसले में कोई खामियां नहीं थीं.
Supreme Court dismisses pleas seeking review of its judgement where it upheld the validity of the Union government's 2019 decision to abrogate Article 370 of the Constitution which conferred the special status of Jammu and Kashmir. pic.twitter.com/qlM7JP6kor
— ANI (@ANI) May 21, 2024
बेंच ने क्या कहा?
पांच न्यायाधीशों की पीठ ने 1 मई को पारित अपने आदेश में कहा, “समीक्षा याचिकाओं पर गौर करने के बाद, उनके आदेश में कोई त्रुटि नहीं देखी गई. सुप्रीम कोर्ट नियम, 2013 के आदेश XLVII नियम 1 के तहत समीक्षा का कोई मामला नहीं है.” समीक्षा याचिकाएं खारिज की जाती हैं.
क्यों दायर की गई थी याचिका?
दरअसल, अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर एक समीक्षा याचिका दायर की गई थी. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने अनुच्छेद 370 को हटाने के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा था. पीठ ने कहा था कि यह एक अस्थायी प्रावधान है और राष्ट्रपति के पास इसका अधिकार है. इसे हटाने का अधिकार.
चुनाव कराने के लिए सितंबर 2024 तक का समय
पीठ ने राष्ट्रपति के आदेश को बरकरार रखा. जिसके तहत जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया गया. बता दें कि कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने की समय सीमा 30 सितंबर 2024 तय की है.
अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया गया
अगस्त 2019 में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया था. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया गया. सरकार के इस फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो नए केंद्र शासित प्रदेश बन गए.