108 एम्बुलेंस के कर्मचारी गए हड़ताल पर, मरीज परेशान, जाने क्या है पूरा मामला
Ranchi: झारखंड में 108 एंबुलेंस सेवा रविवार को पूरी तरह ठप रही. इसके कारण राज्य में संचालित करीब 500 एंबुलेंस का परिचालन ठप हो गया है. एंबुलेंस सेवा ठप होने से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मरीज अस्पताल पहुंचने के लिए लगातार 108 नंबर पर संपर्क कर रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिल रहा है. कई बार तो फोन भी नहीं उठाया जा रहा है.
कर्मचारियों को मनाने में जुटे एजेंसी के अधिकारी
हालांकि 108 की सेवा देने वाली एजेंसी ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज के अधिकारी सेवा बहाल करने और कर्मचारियों को मनाने में जुटे हैं, लेकिन उन पर कोई असर नहीं हो रहा है. रविवार और पूजा के बाद का दिन होने के कारण थोड़ी राहत जरूर मिली, लेकिन सोमवार को इसका व्यापक असर पड़ने की संभावना है. क्योंकि चालकों ने एंबुलेंस को मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में ही खड़ा कर दिया है.
वेतन नहीं मिलने से सेवा ठप
बता दें कि वेतन नहीं मिलने समेत चार मांगों को लेकर 108 सेवा ठप कर दी गई है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 108 एंबुलेंस सेवा के तहत प्रदेश में एंबुलेंस तैनात की गई हैं. पुरानी कंपनी मेसर्स जिकित्जा हेल्थ केयर लिमिटेड की जगह सिकंदराबाद की कंपनी ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज काम कर रही थी. इस बीच इस एजेंसी का टेंडर खत्म होने के बाद काम नई एजेंसी मेसर्स सम्मान फाउंडेशन को सौंप दिया गया है. ऐसे में कर्मचारियों को डर है कि मेसर्स जिकित्जा ने दो महीने का वेतन नहीं दिया है और ईएमआरआई ग्रीन एजेंसी बदलने के बाद सितंबर महीने का वेतन भी लंबित हो सकता है.
एजेंसी से जुड़े हैं 1500 कर्मचारी
प्रदेश में इस एजेंसी से करीब 1500 कर्मचारी जुड़े हैं. एजेंसी से जुड़े कर्मचारियों ने शनिवार को ही काम प्रभावित करना शुरू कर दिया था, लेकिन इसका असर रविवार से दिखने लगा. ईएमआरआई ग्रीन पर भी 40 करोड़ रुपये बकाया हैं. जिसके भुगतान के लिए स्वास्थ्य विभाग से पत्राचार चल रहा है, लेकिन वह भी लंबित है.
रांची में 36 एंबुलेंस का परिचालन पूरी तरह बंद
रांची में 108 सेवा के तहत कुल 36 एंबुलेंस का परिचालन किया जा रहा है. इनमें से अधिकांश एंबुलेंस पूरी तरह बंद हैं. सबसे अधिक परेशानी ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही है. जरूरत पड़ने पर मरीज या उनके परिजन जब फोन करते हैं तो उन्हें कोई जवाब नहीं मिल रहा है. रांची डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने बताया कि 108 एजेंसी के कर्मचारियों की ओर से ज्ञापन भेजा गया है, लेकिन यह राज्य स्तरीय कार्य बहिष्कार है. हालांकि कर्मचारियों से काम पर लौटने का अनुरोध किया जा रहा है.
निजी वाहन की मदद से पहुंची मरीज
प्रसव पीड़ा से परेशान महिला के परिजनों ने जब 108 पर फोन किया तो पहली बार में उन्हें कोई जवाब नहीं मिला. जब महिला को सांस लेने में दिक्कत होने लगी तो परिजन लगातार फोन करने लगे. इसके बाद किसी तरह फोन उठा और काम बंद होने की जानकारी दी गई. इसके बाद परिजन निजी वाहन की मदद से अस्पताल पहुंचे.
क्या कहते हैं स्वास्थ्य सचिव
राज्य के स्वास्थ्य सचिव अजय कुमार ने बताया कि राज्य के सभी सिविल सर्जन को वैकल्पिक व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है. इस संबंध में सोमवार को बैठक होगी और आगे की रणनीति बनाई जाएगी.